दरभंगा: मिथिलांचल का लोक पर्व कोजागरा धूमधाम से मनाया जाएगा. मिथिला के नवविवाहित दुल्हों के घर कोजागरा को लेकर उत्सवी माहौल देखा जा रहा है. घरों में दूल्हे के ससुराल से आने वाले भाड़ को लेकर चर्चा होनी शुरू हो चुकी है. रिश्तेदारों और मेहमानों के आने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी ओर, कोजागरा को लेकर बाजार में भी चहल-पहल बढ़ गई है. शहर में जहां-तहां मखाना की दुकानें सज चुकी हैं.
मखाना-बताशा और पान बांटने की है परंपरा
बता दें कि कोजागरा पर्व मुख्य रूप से ब्राह्मण समाज में मनाया जाता है. मिथिला के नवविवाहित दूल्हों के घर कोजागरा को लेकर उत्सवी माहौल के साथ ही रिश्तेदार और मेहमानों के आने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. कोजागरा पर्व के अवसर पर दूल्हे के ससुराल से पान मखाना नारियल केला इत्यादि आता है. जिसके बाद घर के बुजुर्ग मंत्र के साथ दूर्वाक्षत देकर दूल्हे को आशीर्वाद देते है. कोजागरा के अवसर पर समाज के लोगों में मखाना-बताशा और पान बांटने की परंपरा है.
![Mithilanchal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4728192_kojgara.jpg)
माता लक्ष्मी की होती है पूजा
दरअसल कोजागरा पर्व अश्वनी मास की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. साथ ही नवविवाहित दूल्हे का चुमावन कर नवविवाहिता के समृद्ध और सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना की जाती है. इसके बाद लोगों के बीच मखान बतासा आदि बांटे जाते हैं. कोजागरा की रात्री जागरण का विशेष महत्व है.
खेला जाता है कौड़ी
मान्यता के अनुसार कोजागरा की रात लक्ष्मी के साथ ही आसमान से अमृत वर्षा होती है. पूरे वर्ष में शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सबसे अधिक शीतल और प्रकाशमान प्रतीत होता है. शरद पूर्णिमा की शीतल रात में पीसे अरवा चावल के घोल से आंगन में बने अर्पण पर दूल्हे का चुमान ससुराल से आए धान और दूब से किया जाता है. इसके बाद जीजा, साला, देवर और भाभी के बीच कौड़ी का खेल खेला जाता है.
![Mithilanchal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4728192_jksfhav.jpg)
घटता जा रहा है उत्पाद
मखाना दुकानदार शत्रुघ्न सहनी ने कहा कि इस पर्व में मखाना और पान का विशेष महत्व माना जाता है. इस कारण पूरे वर्ष में मखाना के भाव सबसे अधिक इसी दौरान महंगा होता है. शहर से लेकर गांव तक जगह-जगह मखाना की दुकानें सज चुकी है. इस बार शहर में मखाना 500 से 600 रुपया प्रति किलो बिक रहा है. वहीं, मखाना व्यापारियों की माने तो मखाना का उत्पादन दिनों दिन घटता जा रहा है. जिसके कारण मखाना महंगा होता जा रहा है.