दरभंगा : जिला अतिथि गृह के सभागार में कृषि सह पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक की गई. इसके बाद मंत्री प्रेम कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा दरभंगा जिला प्रभावित हुआ है. जहां बाढ़ की वजह से 99 हेक्टेयर फसलों में 83 हेक्टेयर फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में बिहार सरकार किसानों के साथ खड़ी है. हमारे विभाग द्वारा लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है.
फसल क्षति का आंकलन करने का निर्देश
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी के अनुसार दरभंगा में 1,47,492 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि है. जिसमें 99,137 हेक्टेयर में धान की फसल लगी थी. वहीं बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण 83,564 हेक्टेयर भूमि बर्बाद हो गई है. उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ का पानी घटने के बाद एक-एक प्लॉट का सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को चिन्हित किया जाएगा. इस समय किसान कोरोना और बाढ़ दोनों का सामना कर रहे हैं.
पशुओं की मौत पर मिलेगा 30 हजार मुआवजा
प्रेम कुमार ने बताया कि बाढ़ का पानी खेतों से निकलने के बाद खेत खाली ना रहे, इसलिए सरकार ने किसानों के लिए वैकल्पिक खेती का योजना बनाई है. जिसके तहत किसान अपने खेतों में मक्का, अरहर सहित कई प्रकार की सब्जियों की खेती कर सकते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में पशुओं के लिए आश्रय स्थल, डॉक्टर और दवा समेत चारों की व्यवस्था की गई है. साथ ही बाढ़ के कारण पशुओं की मौत होने पर पशुपालकों को 30 हजार मुआवजे का भी प्रावधान बनाया गया है.
आम का किया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय विपणन (मार्केटिंग)
प्रेम कुमार ने बैठक में आगे बताया कि जिला मत्स्य पदाधिकारी के अनुसार 76 हेक्टेयर में 178 तालाब की मछलियां बाढ़ के कारण प्रभावित हुईं हैं. इसके बाद विभागीय एसओपी के तहत आंकलन सुनिश्चित कर जल्द ही विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है. ताकि मछुआरों को इसका लाभ मिल सके. साथ ही उन्होंने जिला उद्यान पदाधिकारी को निर्देश दिया कि दरभंगा के आमों की एफपीओ बनाई जाए. जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका विपणन (मार्केटिंग) हो सके.