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दरभंगा कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी शिक्षक को सुनाई उम्रकैद की सजा, 50 हजार का आर्थिक दंड भी

दरभंगा कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी पर पचास हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. मामला साल 2018 का है. जहां पढ़ाने के दौरान शिक्षक ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. पढ़ें पूरी खबर..

दरभंगा कोर्ट
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Published : May 18, 2022, 9:09 AM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा कोर्ट (Darbhanga Civil Court) ने दुष्कर्म मामले के एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पाॅक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की न्यायालय ने मंगलवार को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में हाफिज मजिबुर रहमान को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा (Pocso Court Sentenced to Life Imprisonment) सुनाई. इसके साथ कोर्ट ने पचास हजार रुपया अर्थदंड की सजा भी सुनाई है. दंड की राशि पीड़िता को दी जाएगी.

ये भी पढ़ें-सुपौल में तिहरे सामूहिक दुष्कर्म-हत्याकांड में 4 को फांसी की सजा, 2019 का मामला

दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा: न्यायालय ने पीड़िता को बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. विषेश लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया कि 17 जूलाई 2018 को शाम 7 से 9 बजे के बीच हायाघाट थाना क्षेत्र के विलासपुर गांव के हाफिज मजिबुर रहमान 9 वर्षीय अबोध बच्ची को उसके घर में ट्यूशन पढ़ाते-पढ़ाते दुष्कर्म करने लगा. बच्ची के चिल्लाने पर जब उसकी मां रुम में आई तो शिक्षक को दुष्कर्म करते हुए देखी. जिसके बाद पीड़िता की मां ने किसी प्रकार बच्ची को दुष्कर्मी शिक्षक से दूर किया.

पढ़ाने के दौरान घटना को दिया था अंजाम: पीड़िता के परिजन खून से लथपथ बच्ची को तत्काल हायाघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर ईलाज के लिए उसे डीएमसीएच भेज दिया गया. वहीं, 18 जुलाई 2018 को अभियुक्त के विरुद्ध हायाघाट थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को 19 जुलाई 2018 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. फिलहाल अभियुक्त न्यायिक हिरासत में है.

पचास हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा: विशेष लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया की न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2018 को मामला संज्ञान में लिया और 5 नवम्बर 2018 को आरोप गठन कर ट्रायल शुरू किया. अभियोजन पक्ष से 8 गवाहों की गवाही कलमबद्ध किया और 12 दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त किया. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने उभयपक्ष की ओर से सुनवाई के बाद 6 मई को आरोपी को दोषी करार दिया. जिसके बाद मंगलवार को उसे उम्र कैद और पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें-बेतिया कोर्ट ने हत्या के मामले में दो दोषियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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दरभंगा: बिहार के दरभंगा कोर्ट (Darbhanga Civil Court) ने दुष्कर्म मामले के एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पाॅक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की न्यायालय ने मंगलवार को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में हाफिज मजिबुर रहमान को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा (Pocso Court Sentenced to Life Imprisonment) सुनाई. इसके साथ कोर्ट ने पचास हजार रुपया अर्थदंड की सजा भी सुनाई है. दंड की राशि पीड़िता को दी जाएगी.

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दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा: न्यायालय ने पीड़िता को बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. विषेश लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया कि 17 जूलाई 2018 को शाम 7 से 9 बजे के बीच हायाघाट थाना क्षेत्र के विलासपुर गांव के हाफिज मजिबुर रहमान 9 वर्षीय अबोध बच्ची को उसके घर में ट्यूशन पढ़ाते-पढ़ाते दुष्कर्म करने लगा. बच्ची के चिल्लाने पर जब उसकी मां रुम में आई तो शिक्षक को दुष्कर्म करते हुए देखी. जिसके बाद पीड़िता की मां ने किसी प्रकार बच्ची को दुष्कर्मी शिक्षक से दूर किया.

पढ़ाने के दौरान घटना को दिया था अंजाम: पीड़िता के परिजन खून से लथपथ बच्ची को तत्काल हायाघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर ईलाज के लिए उसे डीएमसीएच भेज दिया गया. वहीं, 18 जुलाई 2018 को अभियुक्त के विरुद्ध हायाघाट थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को 19 जुलाई 2018 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया. फिलहाल अभियुक्त न्यायिक हिरासत में है.

पचास हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा: विशेष लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया की न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2018 को मामला संज्ञान में लिया और 5 नवम्बर 2018 को आरोप गठन कर ट्रायल शुरू किया. अभियोजन पक्ष से 8 गवाहों की गवाही कलमबद्ध किया और 12 दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त किया. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने उभयपक्ष की ओर से सुनवाई के बाद 6 मई को आरोपी को दोषी करार दिया. जिसके बाद मंगलवार को उसे उम्र कैद और पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

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