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दरभंगा: क्रासिंग पर रेल ओवर ब्रिज नहीं होने से विकराल बनी जाम की समस्या

जाम से जूझना शहर के लोगों की दिनचर्या बन गई हैं. बता दें कि यह मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है. दशकों से चुनाव आते ही सभी पार्टियों के प्रमुख मुद्दों में ये शुमार हो जाता है.

रेलवे गुमटी
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Published : Apr 20, 2019, 10:38 AM IST

दरभंगा: शहर में रेलवे गुमटी के ऊपर आरओबी का निर्माण नहीं होने से लोग परेशान हैं. इसके कारण शहर में हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. चुनाव के दौरान नेताओं के भाषण में यह मुद्दा हमेशा सामने आता है. इसके बावजूद इसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है. इसलिए जाम से जूझना शहर के लोगों की दिनचर्या बन गई है.

यह मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है. दशकों से चुनाव आते ही सभी पार्टियों के प्रमुख मुद्दों में ये शुमार हो जाता है. चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव. लेकिन शहर की सबसे बड़ी समस्या का निदान बीते कई दशकों से नहीं हो पाया है.

darbhanga
रेल लाईन क्रोस करते लोग

सालों बीतने के बाद भी नहीं हुआ निर्माण
सभी उम्मीदवार यहां से जीतने के बाद यह मुद्दा राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं रेलवे के बीच उलझा कर छोड़ देते हैं. जिसका नतीजा है कि अब यह समस्या विकराल रूप धारण करता जा रहा है. शहर में सात सबसे महत्वपूर्ण रेलवे फाटक को चिन्हित कर रेलवे ने राज्य सरकार को डीपीआर भेजा था. जिसके सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक इस दिशा में निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है.

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रेल लाईन क्रोस करते लोग

निरीक्षण के बाद भी कोई निराकरण नहीं
कई बार बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता और उसकी टीम ने आरओबी के निर्माण स्थलों का बारीकी से निरीक्षण भी किया. लेकिन इसके खिलाफ आज तक किसी ने कुछ भी नहीं किया है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे लाइन के पूर्वी भाग में शहर का विस्तार काफी तेजी से हुआ है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी भी है.

रेलवे गुमटी में नहीं है आरओबी

लोगों को होती है परेशानी
सुबह में 6 बजे से लेकर रात्रि के 10 बजे तक कई ट्रेनें इधर से होकर गुजरती हैं. इस समय स्कूली बच्चे और नौकरी पेशा लोगों को निकलने की जल्दी होती है. अगर गुमटी पर जाम में फंस गए तो उनको अपने कार्यस्थल पर जाने में देर हो जाता है. कई बार तो जाम के कारण फाटक गिराना भी मुश्किल हो जाता है.

राज्य सरकार करें जमीन चिन्हित
वहीं रेलवे सूत्रों की मानें तो डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है. राज्य सरकार जमीन चिन्हित कर देगी, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा.

दरभंगा: शहर में रेलवे गुमटी के ऊपर आरओबी का निर्माण नहीं होने से लोग परेशान हैं. इसके कारण शहर में हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. चुनाव के दौरान नेताओं के भाषण में यह मुद्दा हमेशा सामने आता है. इसके बावजूद इसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है. इसलिए जाम से जूझना शहर के लोगों की दिनचर्या बन गई है.

यह मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है. दशकों से चुनाव आते ही सभी पार्टियों के प्रमुख मुद्दों में ये शुमार हो जाता है. चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव. लेकिन शहर की सबसे बड़ी समस्या का निदान बीते कई दशकों से नहीं हो पाया है.

darbhanga
रेल लाईन क्रोस करते लोग

सालों बीतने के बाद भी नहीं हुआ निर्माण
सभी उम्मीदवार यहां से जीतने के बाद यह मुद्दा राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं रेलवे के बीच उलझा कर छोड़ देते हैं. जिसका नतीजा है कि अब यह समस्या विकराल रूप धारण करता जा रहा है. शहर में सात सबसे महत्वपूर्ण रेलवे फाटक को चिन्हित कर रेलवे ने राज्य सरकार को डीपीआर भेजा था. जिसके सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक इस दिशा में निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है.

darbhanga
रेल लाईन क्रोस करते लोग

निरीक्षण के बाद भी कोई निराकरण नहीं
कई बार बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता और उसकी टीम ने आरओबी के निर्माण स्थलों का बारीकी से निरीक्षण भी किया. लेकिन इसके खिलाफ आज तक किसी ने कुछ भी नहीं किया है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे लाइन के पूर्वी भाग में शहर का विस्तार काफी तेजी से हुआ है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी भी है.

रेलवे गुमटी में नहीं है आरओबी

लोगों को होती है परेशानी
सुबह में 6 बजे से लेकर रात्रि के 10 बजे तक कई ट्रेनें इधर से होकर गुजरती हैं. इस समय स्कूली बच्चे और नौकरी पेशा लोगों को निकलने की जल्दी होती है. अगर गुमटी पर जाम में फंस गए तो उनको अपने कार्यस्थल पर जाने में देर हो जाता है. कई बार तो जाम के कारण फाटक गिराना भी मुश्किल हो जाता है.

राज्य सरकार करें जमीन चिन्हित
वहीं रेलवे सूत्रों की मानें तो डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है. राज्य सरकार जमीन चिन्हित कर देगी, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा.

Intro:दरभंगा शहर में रेलवे गुमटी के ऊपर आरओबी का निर्माण नहीं होने से यहां की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। इसके कारण शहर में हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है। चुनाव के दौरान नेताओं के भाषण में यह मुद्दा सामने आता है। इसके बावजूद इसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है। जिस कारण जाम से जुझना शहर के लोगों की दिनचर्या सी बन गई है। यह मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है, दशकों से यह मुद्दा चुनाव आते ही सभी पार्टियों के प्रमुख मुद्दों में शुमार हो जाता है। चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव। लेकिन शहर की सबसे बड़ी समस्या का निदान बीते कई दशकों से नहीं हो पाया है। सभी उम्मीदवार यहां से जीतने के बाद यह मुद्दा राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं रेलवे के बीच उलझा कर छोड़ देते हैं। जिसका नतीजा है कि अब यह समस्या विकराल रूप धारण करता जा रहा है।

शहर में सात सबसे महत्वपूर्ण रेलवे फाटक को चिन्हित कर रेलवे ने राज्य सरकार को डीपीआर भेजा था। जिसके सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक इस दिशा में निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। कई बार बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता और उसकी टीम ने आरओबी के निर्माण स्थलो का बारीकी से निरीक्षण भी किया। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात साबित हुए और आए दिन लोगों को इस समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे लाइन के पूर्वी भाग में शहर का विस्तार काफी तेजी से हुआ है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी भी है। सुबह में 6 बजे से लेकर रात्रि के 10 बजे तक कई ट्रेनें इधर से होकर गुजरती है। इस समय स्कूली बच्चे व नौकरी पेशा लोगों को निकलने की जल्दी होती है। अगर गुमटी पर जाम में फंस गए तो उनको अपने कार्यस्थल पर जाने में देर हो जाता है। कई बार तो जाम के कारण फाटक गिराना भी मुश्किल हो जाता है। वही रेलवे सूत्रों की माने तो डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। राज्य सरकार जमीन चिन्हित कर देगी, जिसके बाद आरोपी का निर्माण कार शुरू हो पाएगा।

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रती कांत झा स्थानीय लोग
जयशंकर प्रसाद गुप्ता स्थानीय लोग


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