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77 सालों का इंतजार अब और नहीं, 4 लाख के चंदे से ग्रामीणों ने कराया चचरी पुल का निर्माण

Chachari Bridge In Darbhanga: दरभंगा में ग्रामीणों ने 4 लाख की लागत से चचरी पुल का निर्माण किया है. लोग काफी सालों से सरकार से पुल बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने जब कोई पहल नहीं की तो उन्हें खुद के पैसे से चचरी पुल का निर्माण कराना पड़ा. पढ़ें पूरी खबर.

दरभंगा में चचरी पुल का निर्माण
दरभंगा में चचरी पुल का निर्माण
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 17, 2024, 1:02 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 5:53 PM IST

दरभंगा ने ग्रामीणों ने किया चचरी पुल का निर्माण

दरभंगा: आजादी के सात दशक बीतने के बाद भी बिहार के कुछ जिलों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. आज भी लोग एक अदद पुल के लिए सरकार से आस लगाए बैठे हैं. दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के हजारों लोग भी एक पुल के इंतजार में बैठे हुए हैं, लेकिन जब सरकार से उम्मीद टूट गई तब जाकर ग्रामीणों ने खुद के पैसे से चचरी पुल का निर्माण कराया.

दरभंगा में चचरी पुल का निर्माण: यह चचरी पुल ग्रामीणों ने चंदा कर 4 लाख की लागत से बनाई है. दरअसल किरतपुर प्रखंड के अमृतनगर, सिरनीयां, पकड़िया, भलुआहा, लक्ष्मीनीयां सहित कई ऐसे गांव है. जिनको आजादी के करीब 77 साल बाद भी एक पुल तक नसीब नहीं है. आज भी इन गांव के लोग कोसी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए जान जोखिम में डालकर आने-जाने को विवश हैं.

चचरी पुल बन जाने से लोगों को सहूलीयत
चचरी पुल बन जाने से लोगों को सहूलीयत

चचरी पुल के बनने से लोगों को सहूलियत: चचरी पुल बन जाने से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत हो गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल बनने से काफी लाभ हुआ है. रात में मेडिकल इमरजेंसी होते हुए भी नाव का इंतजार करना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी लेकिन अब पुल के जरिए मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं. वहीं दैनिक कार्यों में भी काफी सुविधा होगी.

"इस चचरी पुल के बनने से लोगों को काफी लाभ हुआ है. रात में मेडिकल इमरजेंसी के वक्त नाव का इंतजार करना पड़ता था, जिससे लोगों को काफी कठिनाइयां होती थी. इस चचरी पुल के बन जाने लोगों को काफी सुविधा हुई है. सरकार से कई बार पुल की मांग की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ."- गौरव कुमार, स्थानीय

4 लाख की लागत से बना चचरी पुल
4 लाख की लागत से बना चचरी पुल

"पुल बनाने वाले धन्यवाद के पात्र हैं, क्योंकि 4 से 5 लाख रुपया लगाकर प्रत्येक साल चचरी पुल का निर्माण करते हैं. 6 माह के बाद यह पुल कोसी नदी की भेंट चढ़ जाती है. कोशी नदी के दोनों किनारे पर हजारों की संख्या में लोग रहते हैं और उनका इसी चचरी पुल से आना-जाना होता है. सरकार और जनप्रतिनिधियों से जो काम नहीं हो पाया, इन लोगों ने अपनी ओर से करने का काम किया है"- धर्मेंद्र सिंह, राहगीर

1400 बांस से बना चचरी पुल: वहीं चचरी पुल की देखरेख करने वाले कामेश्वर यादव ने कहा कि 'इस चचरी पुल का निर्माण करने में करीब चार लाख की लागत आई है. निर्माण में 1400 बांस का उपयोग किया गया है और कोसी नदी में बस को गाड़ने वाले मजदूर की मजदूरी तकरीबन डेढ़ लाख रुपए आई है.'

पढ़ें: दरभंगा: धौंस नदी के जलस्तर में वृद्वि के कारण टूटा चचरी पुल, गांव के लोगों का प्रशासन से नाव चलाने की मांग

दरभंगा: लोकतंत्र के महापर्व में वोट डालने के लिए लोगों ने आपसी सहयोग से बना डाला चचरी पुल

Darbhanga Flood: चचरी पुल के सहारे चलती थी 10 गावों की जिंदगी, इस बाढ़ ने वो भी खत्म कर दी

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दरभंगा में चचरी पुल का निर्माण: यह चचरी पुल ग्रामीणों ने चंदा कर 4 लाख की लागत से बनाई है. दरअसल किरतपुर प्रखंड के अमृतनगर, सिरनीयां, पकड़िया, भलुआहा, लक्ष्मीनीयां सहित कई ऐसे गांव है. जिनको आजादी के करीब 77 साल बाद भी एक पुल तक नसीब नहीं है. आज भी इन गांव के लोग कोसी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए जान जोखिम में डालकर आने-जाने को विवश हैं.

चचरी पुल बन जाने से लोगों को सहूलीयत
चचरी पुल बन जाने से लोगों को सहूलीयत

चचरी पुल के बनने से लोगों को सहूलियत: चचरी पुल बन जाने से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत हो गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल बनने से काफी लाभ हुआ है. रात में मेडिकल इमरजेंसी होते हुए भी नाव का इंतजार करना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी लेकिन अब पुल के जरिए मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं. वहीं दैनिक कार्यों में भी काफी सुविधा होगी.

"इस चचरी पुल के बनने से लोगों को काफी लाभ हुआ है. रात में मेडिकल इमरजेंसी के वक्त नाव का इंतजार करना पड़ता था, जिससे लोगों को काफी कठिनाइयां होती थी. इस चचरी पुल के बन जाने लोगों को काफी सुविधा हुई है. सरकार से कई बार पुल की मांग की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ."- गौरव कुमार, स्थानीय

4 लाख की लागत से बना चचरी पुल
4 लाख की लागत से बना चचरी पुल

"पुल बनाने वाले धन्यवाद के पात्र हैं, क्योंकि 4 से 5 लाख रुपया लगाकर प्रत्येक साल चचरी पुल का निर्माण करते हैं. 6 माह के बाद यह पुल कोसी नदी की भेंट चढ़ जाती है. कोशी नदी के दोनों किनारे पर हजारों की संख्या में लोग रहते हैं और उनका इसी चचरी पुल से आना-जाना होता है. सरकार और जनप्रतिनिधियों से जो काम नहीं हो पाया, इन लोगों ने अपनी ओर से करने का काम किया है"- धर्मेंद्र सिंह, राहगीर

1400 बांस से बना चचरी पुल: वहीं चचरी पुल की देखरेख करने वाले कामेश्वर यादव ने कहा कि 'इस चचरी पुल का निर्माण करने में करीब चार लाख की लागत आई है. निर्माण में 1400 बांस का उपयोग किया गया है और कोसी नदी में बस को गाड़ने वाले मजदूर की मजदूरी तकरीबन डेढ़ लाख रुपए आई है.'

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Last Updated : Jan 17, 2024, 5:53 PM IST
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