दरभंगा: बिहार के दरभंगा से शनिवार को स्पेशल टास्क फोर्स गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में फरार मेहरे आलम को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी पर मेहरे आलम के पिता महमूद आलम ने कहा कि 10 साल पूर्व एनआईए की टीम ने मेहरे आलम को गिरफ्तार कर लिया था. उसी दौरान एनआईए की टीम ने मेहरे आलम से कहा कि तुम चले जाओ. जिसके बाद NIA के लोगों ने मेहरे आलम पर भागने का केस कर दिया. उन्होंने कहा कि 10 साल से घर मेरा बेटा था लेकिन एक बार भी कोई नोटिस नहीं मिला और शनिवार को गिरफ्तार कर लिया.
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अबतक नहीं मिला कोई नोटिस: पिता ने बताया कि 2013 में एनआईए ने मेरे बेटे महरे आलम को दरभंगा से उठाया था. उस वक्त मुझे शाम तक पता नहीं था कि मेरे बेटे कहां है. शाम को मुझे फोन आया कि आपके बेटे को छोड़ दिया गया है, आप उसे ले जाइए. छूटने के बाद एनआईए की टीम ने फरार होने का आरोप लगा दिया. आजतक हम लोगों को किसी प्रकार का कोई नोटिस मिला. शनिवार की शाम में अचानक पुलिस वाले आए और मेहरे आलम को अपने साथ लेकर चले गए.
"पुत्र की गिरफ्तारी कल देर शाम हुई है. गिरफ्तार करने आई टीम में अशोक पेपर मिल थाने की पुलिस और मुजफ्फरपुर की टीम शामिल थी. कुल मिलाकर 10 लोगों की टीम थी, जिस वक्त मेहरे आलम को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि 2013 में एनआईए की टीम ने मेहरे आलम को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद एनआईए की टीम ने पुत्र को घर जाने के लिए कहा था. फिर मेहरे आलम पर भागने का केस कर दिया. 10 साल से घर मेरा बेटा था लेकिन एक बार भी कोई नोटिस नहीं मिला और शनिवार की शाम में अचानक पुलिस वाले आए और मेहरे आलम को अपने साथ लेकर चले गए." - महमूद आलम, पिता
"वर्ष 2013 में पटना में हुए बम ब्लास्ट कांड में एक मामला दर्ज किया गया था. उसी कांड में पूछताछ के लिए अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के सिधौली गांव के आरोपी मेहरे आलम के पिता महबूब आलम को पूछताछ के लिए बुलाया गया था और मुजफ्फरपुर जिला के थाना में पूछताछ की जा रही थी. उसी क्रम में मेहरे आलम पुलिस कस्टडी से भाग गया. जिस संदर्भ में मुजफ्फरपुर के नगर थाने में 612/13 कांड संख्या दर्ज किया गया था." - बिरजू पासवान, एसडीपीओ
नरेंद्र मोदी की सभा में हुए थे धमाके: आपको याद दिलाएं कि 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रधानमत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 'हुंकार रैली' का आयोजन किया गया था. गांधी मैदान और आसपास के इलाके में लोगों की भारी भीड़ थी. रेलवे स्टेशन पर भी लगातार लोगों का आना जारी था. इसी बीच सुबह करीब 9:30 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफॉक्म नंबर 10 पर पहला विस्फोट हुआ. थोड़ी देर बाद गांधी मैदान में कई धमाके हुए. उस सिलसिलेवार बम धमाकों में 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 87 लोग जख्मी हुए थे.