दरभंगा: जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव रविवार को केवटी विधानसभा के बरही गांव का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने पत्रकारो से बात करते हुए चुनाव आयोग के चुनाव के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में कोरोना काल में चुनाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि खुद सरकार ने कोविड-19 को लेकर नए कानून बनाए हैं. ताकि कोरोना वायरस से लोगो को बचाया जा सके.
उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या बिहार में कोरोना समाप्त हो गया. अगर नहीं तो फिर नए कानून के अनुसार चुनाव कैसे हो सकता है. अगर चुनाव कराना है. तो पहले कोविड-19 के बने नए कानून को हटाया जाना चाहिए. फिर चुनाव में आना चाहिए, दोनों चीजें एक साथ नहीं हो सकता.
लोगों से शांति व सद्भावना बनाए रखने की अपील
पप्पू यादव दरभंगा के केवटी विधानसभा अंतर्गत बरही गांव का दौरा करते हुए दो पक्षो के बीच हुए तनाव के कारण की जानकारी ली और दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कराते हुए शांतिपूर्ण माहौल में रहने का अपील किया. वहीं, घटना में दुकानदारों की हुई क्षतिपूर्ति के रूप में करीब डेढ़ लाख रुपया का वितरण भी किया. उक्त घटना में इंस्पेक्टर और एसआई के असंवेदनशीलता के कारण तनाव का कारण बताते हुए उन्होंने घटना की एसआईटी से जांच कराने की मांग की.
'कोरोना काल में चुनाव लोकतंत्र के लिए खतरा'
पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण से 21 डॉक्टर के साथ ही सिविल सर्जन की मौत हो चुकी है. संक्रमण के डर से 60% लोग मतदान करने बूथ पर नहीं जाएंगे. बूथ पर मतदाता की संख्या घटाने के लिए नए बूथ का निर्माण होगा, जिससे लोगों को काफी परेशानी होगी. वहीं, उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के तहत अगर एक बूथ पर एक हजार मतदाता रहेंगे. तो मतदान खत्म होने में रात हो जाएगी. यह गरीबों को वोट से वंचित करने की साजिश है. यह चुनाव लोकतंत्र के लिए खतरा है.