दरभंगा: जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह मधेपुरा के पूर्व सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरुवार को हायाघाट प्रखंड के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का बाइक से दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं को जाना. मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की जा रही घोषणाओं का लाभ विस्थापित परिवारों को नहीं मिल रहा है. आलम ये है कि बाढ़ में केवल निचले इलाकों में रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि तटबंध और ऊंची जगहों पर रहने वाले लोग भी परेशानी में हैं. ऊंची जगहों पर रहने वालों लोगों को इस समय पीने के पानी तक की समस्या है.
'35 लाख लोग बाढ़ प्रभावित'
बाढ़ ग्रस्त इलाकों का बेधड़क अंदाज में बुलेट से दौरा करने निकले पप्पू यादव ने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने पूरे भरोसे के साथ कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो मैं 3 साल में इसका स्थाई समाधान कर कर दूंगा. वहीं अगर ऐसा करने में सफल नहीं हुआ तो राजनीति से आजीवन संन्यास ले लूंगा. साथ ही पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में लगभग 35 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
'पॉलिटिकल डिजास्टर पैदा कर रही सरकार'
जाप संरक्षक ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार को बाढ़ पीड़ितों के खाते में 20 हजार रुपया, 4 महीने का राशन, फसल और मकान क्षति का उचित मुआवजा देना चाहिए. वहीं ऐसे विकट परिस्थिति में भी सरकार की चुप्पी संदेह उत्पन्न करती है. सरकार लोगों को मरने के लिए छोड़कर असंवेदनशील रवैया अपना रही है. साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार पॉलिटिकल डिजास्टर पैदा कर रही है. बिहार में करीब 23 जगहों पर तटबंध टूट चुके हैं. इसके बावजूद यहां के आपदा मंत्री, आपदा पदाधिकारी और सिंचाई मंत्री वर्चुअल और डिजिटल रैली के आयोजन में लगे हुए हैं.
'जानवर से बदतर जिंदगी जीने को विवश विस्थापित'
पप्पू यादव ने आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कंप्लीट रूप से गायब हैं. वहीं विपक्ष इस त्रासदी को पिकनिक समझ रहा है. हमने मोटरसाइकिल के माध्यम से कई गांवों का दौरा किया है. इंसान जानवर जैसी जिंदगी जीने को विवश है. उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार की सारी नदियां उफान पर है. जिससे कई इलाके पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. बावजूद इसके लोगों को सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.
- मौके पर पप्पू यादव ने कहा कि मुझे मौका मिला तो सर्वप्रथम बिहार को तीन साल में बाढ़ मुक्त करने का काम करेंगे. वहीं ऐसा करने में असफल रहा तो राजनीति से मैं आजीवन संन्यास ले लूंगा.