दरभंगा: जिले में कमला (Kamla River), कोसी (Koshi River) और अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. बाढ़ का पानी हर दिन नए-नए क्षेत्रों में घुसता जा रहा है. वहीं बाढ़ के खतरे (Flood In Darbhanga) को देखते हुए एनडीआरएफ (NDRF Team In Flood) की टीम को भी तैनात किया गया है. लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि आज तक कोई मदद नहीं की गई है.
यह भी पढ़ें- दरभंगा डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण, राहत कार्य चलाने का दिया निर्देश
एनडीआरएफ की टीम पिछले तीन दिनों से कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड (Kusheshwarsthan East Block) के दर्जनों गांव का भ्रमण कर बाढ़ पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिला रही है. सरकारी सहायता पीड़ितों तक पहुंचे इसकी कोशिश की जा रही है.
'एनडीआरएफ की टीम पिछले तीन दिनों से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है. उनके द्वारा जो फीडबैक दिया जाता है. उसके अनुसार हम लोगों की सहायता कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम के द्वारा बताया जा रहा है कि अभी पानी कम है. फिर भी हमलोग लगातार बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं. विस्थापित परिवारों को सरकारी सहायता दी जा रही है.'- त्रिवेणी प्रसाद, अंचलाधिकारी, कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड
यातायात की सुविधा नहीं रहने के कारण गांव से राशन लाने के लिए लोगों को पचास रुपया भाड़ा देना पड़ता है. बता दें कि दरभंगा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहा है. यहां हर साल बागमती, कमला बलान, कोसी, अधवारा, खिरोई जैसी नदियों में उफान आने से कई लोग बेघर हो जाते हैं. ऐसी स्थिति होने पर एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुट जाती है.
सरकार की ओर से हम लोगों को किसी प्रकार का मदद नहीं मिलता है. सुविधा के नाम पर आजतक हमलोगों के गांव में सड़क तक नहीं बना है. अभी हमारे गांव में छाती भर पानी लगा हुआ है. जिसे पार कर हमलोग आते और जाते हैं. सरकार चारों तरफ विकास की बातें करती है. लेकिन हमलोगों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिली है.- फानो देवी, विस्थापित बाढ़ पीड़ित
बता दें कि दरभंगा के कई गांवों का प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. जिले के हायाघाट, हनुमाननगर, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर, कुशेश्वरस्थान पूर्वी और केवटी के 27 पंचायतें बाढ़ प्रभावित हैं. इनमें 8 पंचायत पूर्णतः एवं 19 पंचायत अंशतः प्रभावित हैं. कुल 79 गावों के 58 हजार लोग बाढ़ प्रभावित हैं.