दरभंगा: प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मखाना उद्योग समेत अन्य कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है. इसके बाद दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर ने खुशी व्यक्त की है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और वित्त राज्यमंत्री को धन्यवाद दिया है.
सांसद गोपालजी ठाकुर ने पीएम को दिया धन्यवाद
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि मखाना उद्योग के विकास का उनका सपना बहुत पुराना है. इसके लिए वे कई बार संसद में आवाज उठा चुके हैं. आज भारत सरकार ने उनके इस सपने को पूरा करने की घोषणा की है. इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को धन्यवाद और बधाई देते हैं. उन्होंने कहा कि मखाना मिथिलांचल का प्रतीक है. केंद्र सरकार ने इसके उद्योग के विकास के लिए जो घोषणा की है, उससे मिथिलांचल के करोड़ों लोग बेहद खुश हैं.
मखाना समेत अन्य उद्योगों 10 हजार करोड़ रुपये की घोषणा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले कोरोना महामारी के बाद भारत के समग्र विकास के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी. इसके तहत देश के सभी क्षेत्रों और वर्गों के लिए राशि का प्रावधान किया गया हैं, जिसकी घोषणा इन दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री कर रही हैं. इसी के तहत मखाना समेत अन्य उद्योगों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की घोषणा शुक्रवार को की गई थी.
मिथिला की पहचान...मखाना
बता दें कि मिथिला का मखाना अपनी खास पहचान रखता है. कोसी, सीमांचल और मिथिला इलाके में इसकी खेती बहुतायत में होती है. मखाना बेहद पौष्टिक होता है. इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्र में होता है. सोडियम, कैलोरी और वसा की मात्र काफी कम होती है. बिना खाद व कीटनाशकों के इसकी खेती की जाती है.
बिहार के 10 जिलों में मखाना की खेती
बिहार के दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया सहित 10 जिलों में मखाना की खेती होती है. देश में बिहार के अलावा असम, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में भी मखाने का उत्पादन होता है, मगर देश भर में मखाने के कुल उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 80 फीसदी है. जानकारों की माने तो मखाना के निर्यात से देश को प्रतिवर्ष 22 से 25 करोड़ की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है.