दरभंगा: जिले में शुक्रवार से मोहर्रम की शुरुआत हो गई. 10 दिनों तक चलने वाले मोहर्रम में पहली से 10वीं तक हसन-हुसैन की याद में मातम होता है. इस बार मोहर्रम के लिए किलाघाट स्थित जिला मोहर्रम कमिटी कार्यालय परिसर में कोरोना काल को देखते हुए कमेटी की विशेष बैठक आयोजित की गई. इसमें कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन करते हुए मोहर्रम मनाने पर चर्चा हुई.
मोहर्रम में बड़े आयोजन पर रोक
मोहर्रम में इस बार सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जुलूस और भीड़ लगाने की मनाही की गई है. इसका पालन जिला मोहर्रम कमिटी करवा रहा है. जिला मोहर्रम कमिटी के अध्यक्ष सिगबतुल्लाह खां उर्फ डब्बू खां और महासचिव कलीमुद्दीन ने बताया कि शुक्रवार को भटियारीसराय स्थित भीखा शाह सैलानी की मजार से मिट्टी लाने की रस्म अदा की गई. इसमें 7 लोगों ने सादगी के साथ पहुंचकर शांति के साथ रस्म की अदायगी की.
उन्होंने बताया कि जिला मोहर्रम कमिटी कड़ाई से लॉकडाउन के नियम का पालन करवा रहा है. इसमे रात को गश्ती के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर जिला मोहर्रम कमिटी जांच करने का काम करेगी. जिससे कि कही कोई नियम की अनदेखी कर जुलूस न निकाल सके. इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी.
मोहर्रम की शुरुआत
बता दें कि मोहर्रम में हसन-हुसैन की याद में मातम होते हैं. इमाम हुसैन और उनके साथियों ने ईमान, सच्चाई और इंसाफ के लिए लड़ते हुए कर्बला के मैदान में शहादत दी थी. यह मुस्लिम धर्मावलंबियों का गम का त्योहार है. जिसमें 10 दिनों तक चले युद्ध को याद दिलाने के लिए युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया जाता है. इसके साथ ही जुलूस भी निकाले जाते हैं.