दरभंगाः जिले में पिछले साल की तरह इस साल भी ठण्ड का कहर जारी है. जिससे पेड़-पौधे भी प्रभावित हो रहे हैं. लगातार ठण्ड पड़ने के कारण किसानों ने जो आलू की फसल लगाई थी. उसमें पाला का प्रकोप दिखने लगा है. आलू की हरी-हरी पत्तियां पाला के कारण धीरे-धीरे मुरझा रहीं हैं. जिससे आलू किसानों की चिंता बढ़ने लगी है.
आलू की खेती करने वाले किसान परेशान
किसानों का कहना है की यहां के किसानों के लिए आलू की खेती अभिशाप बनती जा रही है. एक तरफ बाढ़ के कारण खेत देरी से तैयार हुआ. दूसरी तरफ जंगली जानवर खेतों में लगे आलू की फसल को बर्बाद कर रहे हैं. अगर किसी प्रकार किसान जंगली जानवर से अपने खेतों का बचाव कर लेता है. तो पाला फसल को बर्बाद कर दे रहा है. पाला से बचाव के लिए जो कीटनाशक मिलता है, वह इतना महंगा हो गया है कि उसे खरीदना किसानों के लिए संभव नहीं.
जैविक खाद का करें उपयोग
कृषि सलाहकार मो. शालिग आलम ने कहा की पाला के प्रकोप से खेतों में लगे आलू की फसल प्रभावित हो रही हैं. किसान भाइयों को चाहिए की अपने खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करें. इस छिड़काव से उनके खेतों से पाले की शिकायत खत्म हो जायेगी. आलू की अच्छी पैदावार के लिए किसान भाइयों को अच्छी किस्म के आलू का बीज लगाना चाहिए. उसके साथ खेतों में जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए. किसानों को समय समय पर अपने खेतों में दवाओं का छिड़काव करते रहना चाहिए.