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दरभंगा अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में पहुंचे कई देशों के कलाकार, कहा- शॉर्ट फिल्मों का है जमाना

जर्मनी से आई फिल्मकार एना एस्टर ने कहा कि आज के सिनेमा में काफी प्रयोग हो रहा है. सूचना तकनीक के फैलाव के साथ ही अब फिल्मकारों के पास पूरी दुनिया मे पहुंचने का मौका है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें दरभंगा आकर बहुत अच्छा लग रहा है.

Darbhanga International Film Festival
दरभंगा अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल
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Published : Feb 8, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 5:40 PM IST

दरभंगा: शहर के टाउन हॉल में चल रहे 7वें दरभंगा अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में देश-विदेश के कई फिल्मकार और कलाकार पहुंचे हैं. नए दौर की बदलती फिल्मों का यहां बोलबाला है. इस दौरान मनोरंजन से लेकर सामाजिक संदेश देने वाली फिल्में यहां दिखाई जा रही हैं.

'सिनेमा में हो रहा काफी प्रयोग'
जर्मनी से आई फिल्मकार एना एस्टर ने कहा कि आज के सिनेमा में काफी प्रयोग हो रहा है. सूचना तकनीक के फैलाव के साथ ही अब फिल्मकारों के पास पूरी दुनिया में पहुंचने का मौका है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें दरभंगा आकर बहुत अच्छा लग रहा है. वहीं नेपाल से आये फिल्मकार भक्त स्यानगतान ने कहा कि दरभंगा आकर उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे वे नेपाल में ही हैं. उन्होंने कहा कि आज नेपाली फिल्म इंडस्ट्री भी तेजी से बदल रही है. उस पर भारत की फिल्मों की छाप साफ दिखती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: रांची में लालू से मिले JDU के MLC, RJD का दावा- हमारे संपर्क में हैं नीतीश के दर्जनों विधायक

'शॉर्ट फिल्मों का जमाना'
भोजपुरी और मैथिली फिल्म अभिनेत्री श्वेता वर्मा मोना ने कहा कि आज शॉर्ट फिल्मों का जमाना है. लोग कम संसाधन में अच्छी फिल्में बना रहे हैं. कलाकारों और फिल्मकारों के पास बेहतर मौका है. इसे प्रमोट किया जाना चाहिए.

वहीं महिलाओं की बीमारी स्तन कैंसर पर फिल्म बनाने वाले पेशे से चिकित्सक डॉ. जन्मेजय ने कहा कि सिनेमा लोगों को जागरूक करने का बेहतर माध्यम है. स्तन कैंसर आज बड़ी समस्या है. लोग जानकारी के अभाव में समय पर इसका इलाज नहीं करा पाते. जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके माध्यम से उन्हें जागरूक किया जा सकता है.

Darbhanga International Film Festival
फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा रही फिल्में

दरभंगा: शहर के टाउन हॉल में चल रहे 7वें दरभंगा अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में देश-विदेश के कई फिल्मकार और कलाकार पहुंचे हैं. नए दौर की बदलती फिल्मों का यहां बोलबाला है. इस दौरान मनोरंजन से लेकर सामाजिक संदेश देने वाली फिल्में यहां दिखाई जा रही हैं.

'सिनेमा में हो रहा काफी प्रयोग'
जर्मनी से आई फिल्मकार एना एस्टर ने कहा कि आज के सिनेमा में काफी प्रयोग हो रहा है. सूचना तकनीक के फैलाव के साथ ही अब फिल्मकारों के पास पूरी दुनिया में पहुंचने का मौका है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें दरभंगा आकर बहुत अच्छा लग रहा है. वहीं नेपाल से आये फिल्मकार भक्त स्यानगतान ने कहा कि दरभंगा आकर उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे वे नेपाल में ही हैं. उन्होंने कहा कि आज नेपाली फिल्म इंडस्ट्री भी तेजी से बदल रही है. उस पर भारत की फिल्मों की छाप साफ दिखती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: रांची में लालू से मिले JDU के MLC, RJD का दावा- हमारे संपर्क में हैं नीतीश के दर्जनों विधायक

'शॉर्ट फिल्मों का जमाना'
भोजपुरी और मैथिली फिल्म अभिनेत्री श्वेता वर्मा मोना ने कहा कि आज शॉर्ट फिल्मों का जमाना है. लोग कम संसाधन में अच्छी फिल्में बना रहे हैं. कलाकारों और फिल्मकारों के पास बेहतर मौका है. इसे प्रमोट किया जाना चाहिए.

वहीं महिलाओं की बीमारी स्तन कैंसर पर फिल्म बनाने वाले पेशे से चिकित्सक डॉ. जन्मेजय ने कहा कि सिनेमा लोगों को जागरूक करने का बेहतर माध्यम है. स्तन कैंसर आज बड़ी समस्या है. लोग जानकारी के अभाव में समय पर इसका इलाज नहीं करा पाते. जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके माध्यम से उन्हें जागरूक किया जा सकता है.

Darbhanga International Film Festival
फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा रही फिल्में
Intro:दरभंगा। शहर के टाउन हॉल में चल रहे 7वें दरभंगा अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में देश-विदेश के कई फिल्मकार और कलाकार पहुंचे हैं। नए दौर की बदलती फिल्मों का यहां बोलबाला है। मनोरंजन से लेकर सामाजिक संदेश देने वाली फिल्में दिखाई जा रही हैं। ई टीवी भारत संवाददाता ने कुछ फिल्मकारों से बात की।


Body:जर्मनी से आई फिल्मकार एना एस्टर ने कहा कि आज के सिनेमा में काफी प्रयोग हो रहा है। सूचना तकनीक के फैलाव के साथ ही अब गिल्मकारों के पास पूरी दुनिया मे पहुंचने का मौका है। उन्हें दरभंगा आकर बहुत अच्छा लग रहा है।

नेपाल से आये फिल्मकार भक्त स्यानगतान ने कहा कि दरभंगा आकर उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे वे नेपाल में ही हैं। उन्होंने कहा कि आज नेपाली फ़िल्म इंडस्ट्री भी तेजी से बदल रही है। उस पर भारत की फिल्मों की छाप साफ दिखती है।


Conclusion:भोजपुरी और मैथिली फ़िल्म अभिनेत्री श्वेता वर्मा मोना ने कहा कि आज शॉर्ट फिल्मों का ज़माना है। लोग कम संसाधन में अच्छी फिल्में बना रहे हैं। कलाकारों और फिल्मकारों के पास बेहतर मौका है। इसे प्रमोट किया जाना चाहिए।

वहीं महिलाओं की बीमारी स्तन कैंसर पर फ़िल्म बनाने वाले पेशे से चिकित्सक डॉ. जन्मेजय ने कहा कि सिनेमा लोगों को जागरूक करने का बेहतर माध्यम है। स्तन कैंसर आज बड़ी समस्या है। लोग जानकारी के अभाव में समय पर इसका इलाज नहीं करा पाते और मौत के मुंह मे चले जाते हैं। इसके माध्यम से उन्हें जागरूक किया जा सकता है।

बाइट 1- एना स्टर, जर्मन फिल्मकार.
बाइट 2- भक्त स्यानगतान, नेपाली फिल्मकार.
बाइट 3- श्वेता वर्मा मोना, भोजपुरी- मैथिली अभिनेत्री.
बाइट 4- डॉ. जन्मेजय, चिकित्सक और फिल्मकार.

ptc के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
Last Updated : Feb 8, 2020, 5:40 PM IST
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