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LNMU ने 'स्कूल गुरु' के साथ रद्द किया विवादित करार, मामले की जांच शुरू

ललित नारायण मिथिला विवि ने 'स्कूल गुरु' के साथ करार रद्द कर दिया है. इसकी जिम्मेदारी एक कमेटी को दी गई है. जबकि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के छात्रों के लिए विवि ने कमिटी बनाई है.

कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह
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Published : Aug 10, 2019, 1:08 PM IST

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि ने निजी एजेंसी 'स्कूल गुरु' के साथ किया गया करार रद्द कर दिया है. विवि के छात्रों के आंदोलन और सिंडिकेट सदस्यों की लगातार आपत्ति के बाद यह फैसला लिया गया है. इस बात की पुष्टि कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने की है.

distance course
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय

निजी एजेंसी 'स्कूल गुरु' विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के छात्रों का एडमिशन से लेकर फीस वसूली और उन्हें पाठ्य सामग्री तक उपलब्ध कराती थी. बदले में विवि को रॉयल्टी देती थी. ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सिंडिकेट ने इसे गलत करार दिया था. उसके फैसले के बाद 'स्कूल गुरु' के साथ करार रद्द करने की जिम्मेदारी एक कमेटी को दी गई है.

LNMU VC SURENDRA PRASAD SINGH
प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह, कुलपति

संचालन के लिए बनी समिति
हालांकि दूरस्थ शिक्षा में दिक्कत और और दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की मान्यता पर खतरा से बचने के लिए एक समिति बनायी गई है. जिससे सारी सुविधाएं वैकल्पिक तौर पर सुनिश्चित किया जा सके. बता दें कि विवि ने वर्ष 2017 में दिल्ली की एक प्राइवेट एजेंसी 'स्कूल गुरु' के साथ करार किया था. इस तरह का यह बिहार का पहला विवि था. छात्रों और सिंडिकेट सदस्यों ने आपत्ति जतायी था.

ललित नारायण मिथिला विवि ने स्कूल गुरु के साथ रद्द की करार

अनियमितता का लगा था आरोप
एजेंसी पर आरोप लगा था कि विवि के अधिकारियों की मिली भगत से बिना सिंडिकेट की मंजूरी लिए अनियमितता की गई है. इससे विवि की स्वायत्तता को खतरा है, वहीं, छात्रों का भी नुकसान है. विवि की जांच समिति आरोपों की जांच करेगी. दोषी अधिकारियों का पता लगाकर उन्हें दंडित करने की भी अनुशंसा करेगी.

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि ने निजी एजेंसी 'स्कूल गुरु' के साथ किया गया करार रद्द कर दिया है. विवि के छात्रों के आंदोलन और सिंडिकेट सदस्यों की लगातार आपत्ति के बाद यह फैसला लिया गया है. इस बात की पुष्टि कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने की है.

distance course
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय

निजी एजेंसी 'स्कूल गुरु' विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के छात्रों का एडमिशन से लेकर फीस वसूली और उन्हें पाठ्य सामग्री तक उपलब्ध कराती थी. बदले में विवि को रॉयल्टी देती थी. ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सिंडिकेट ने इसे गलत करार दिया था. उसके फैसले के बाद 'स्कूल गुरु' के साथ करार रद्द करने की जिम्मेदारी एक कमेटी को दी गई है.

LNMU VC SURENDRA PRASAD SINGH
प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह, कुलपति

संचालन के लिए बनी समिति
हालांकि दूरस्थ शिक्षा में दिक्कत और और दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की मान्यता पर खतरा से बचने के लिए एक समिति बनायी गई है. जिससे सारी सुविधाएं वैकल्पिक तौर पर सुनिश्चित किया जा सके. बता दें कि विवि ने वर्ष 2017 में दिल्ली की एक प्राइवेट एजेंसी 'स्कूल गुरु' के साथ करार किया था. इस तरह का यह बिहार का पहला विवि था. छात्रों और सिंडिकेट सदस्यों ने आपत्ति जतायी था.

ललित नारायण मिथिला विवि ने स्कूल गुरु के साथ रद्द की करार

अनियमितता का लगा था आरोप
एजेंसी पर आरोप लगा था कि विवि के अधिकारियों की मिली भगत से बिना सिंडिकेट की मंजूरी लिए अनियमितता की गई है. इससे विवि की स्वायत्तता को खतरा है, वहीं, छात्रों का भी नुकसान है. विवि की जांच समिति आरोपों की जांच करेगी. दोषी अधिकारियों का पता लगाकर उन्हें दंडित करने की भी अनुशंसा करेगी.

Intro:दरभंगा। छात्रों के ज़बरदस्त आंदोलन और सिंडिकेट सदस्यों की लगातार आपत्ति के बाद ललित नारायण मिथिला विवि ने निजी एजेंसी 'स्कूल गुरु' के साथ हुआ करार रद कर दिया है। ये एजेंसी विवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के छात्रों का एडमिशन लेने से लेकर उनसे फीस वसूली और उन्हें पाठ्य सामग्री तक उपलब्ध कराती थी। बदले में विवि को रॉयल्टी देती थी।


Body:विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सिंडिकेट ने इसे गलत करार दिया था। उसके फैसले के बाद स्कूल गुरु के साथ करार रद किया जा रहा है। इसके लिये एक समिति बनायी गयी है। इस करार के रद होने के बाद छात्रों का नुकसान न हो और दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की मान्यता पर कोई खतरा न आये इसके लिये एक अन्य समिति भी बनायी गयी है।


Conclusion:बता दें कि ललित नारायण मिथिला विवि ने वर्ष 2017 में दिल्ली की एक प्राइवेट एजेंसी 'स्कूल गुरु' के साथ करार किया था। ऐसा करार करने वाला यह बिहार का पहला विवि था। छात्रों और सिंडिकेट सदस्यों की आपत्ति थी कि विवि के अधिकारियों की मिली भगत से बिना सिंडिकेट की मंजूरी लिये ये खेल हुआ है। इसमें करोड़ों की अनियमितता हुई है। इससे विवि की स्वायत्तता को खतरा है और छात्रों का भी नुकसान है। अब विवि की जांच समिति आरोपों की जांच करेगी और दोषी अधिकारियों का पता लगाकर उन्हें दंडित करने की भी अनुशंसा करेगी।

बाइट 1- प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह, कुलपति, एलएनएमयू

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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