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96 साल की उम्र में चल बसे मैथिली के मूर्धन्य साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर, DM ने दी श्रद्धांजलि

मैथिली के मूर्धन्य साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर का 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन सहित अन्य लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी और गहरी शोक संवेदना व्यक्त की.

साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर का निधन
साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर का निधन
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Published : Apr 3, 2021, 9:18 AM IST

दरभंगाः मैथिली के मूर्धन्य साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर का निधन 96 वर्ष की उम्र में हो गया. उन्होंने 1 अप्रैल को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके निधन से मैथिली साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है. निधन की सूचना मिलते ही लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने उनके आवास पर जाकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.

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1981 में शिक्षक पद से हुए थे सेवानिवृत्त
जिलाधिकारी ने कहा कि अमर जी का निधन मिथिला, मैथिली भाषा एवं साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है. जिलाधिकारी ने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की.

आपको बताते चलें कि पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर ने एमएलए अकेडमी प्लस टू हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर अपना योगदान दिया था. वे 1981 में सेवानिवृत्त हुए थे.

इसे भी पढ़ेंः 2019 में बिहार ने खोया अपना नायाब 'हीरा', अलविदा कह गए वशिष्ठ नारायण

दर्जनों पुरस्कारों से हुए थे सम्मानित
पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर को 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं 1998 में साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके साथ ही वे साहित्य अकादमी के फेलो भी रहे. इसके अलावा साहित्य क्षेत्र के दर्जनों अन्य पुरस्कार से भी उन्हें मिला था. उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.

दरभंगाः मैथिली के मूर्धन्य साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर का निधन 96 वर्ष की उम्र में हो गया. उन्होंने 1 अप्रैल को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके निधन से मैथिली साहित्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है. निधन की सूचना मिलते ही लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने उनके आवास पर जाकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.

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1981 में शिक्षक पद से हुए थे सेवानिवृत्त
जिलाधिकारी ने कहा कि अमर जी का निधन मिथिला, मैथिली भाषा एवं साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है. जिलाधिकारी ने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की.

आपको बताते चलें कि पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर ने एमएलए अकेडमी प्लस टू हाई स्कूल में शिक्षक के पद पर अपना योगदान दिया था. वे 1981 में सेवानिवृत्त हुए थे.

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दर्जनों पुरस्कारों से हुए थे सम्मानित
पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर को 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं 1998 में साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके साथ ही वे साहित्य अकादमी के फेलो भी रहे. इसके अलावा साहित्य क्षेत्र के दर्जनों अन्य पुरस्कार से भी उन्हें मिला था. उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.

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