दरभंगा: बहादुरपुर प्रखंड के उघरा महापाड़ा पंचायत के दाईंग गांव में खेग्रामस प्रखंड सचिव हरि पासवान और भाकपा(माले) जिला कमिटी सदस्य प्रवीण यादव के नेतृत्व में सैकड़ों दलित-महादलित मजदूरों ने धरना दिया. यह एकदिवसीय धरना मजदूरों ने मनरेगा में काम नहीं मिलने को लेकर दिया.
लॉकडाउन में भुखमरी की स्थिति
धरना में मजदूरों ने मनरेगा में 200 दिन काम और 500 रुपये मजदूरी, मजदूरों को काम देने में भेदभाव बंद करने, मनरेगा में बिचौलियों के माध्यम से काम बंद करने जैसे मुद्दे को लेकर नारेबाजी की. साथ ही लॉकडाउन में भुखमरी के शिकार मजदूरों को काम देने और मनरेगा में चल रहे लूट मुद्दे पर भी मजदूरों ने सरकार से सवाल किया.
पीओ का करेंगे घेराव
इस मौके पर मनोज मांझी ने कहा कि उघरा महापाड़ा में सैकड़ों मुशहर-बांतर समुदाय के मजदूर पिछले एक महीने से पीआरएस-मुखिया के यहां चक्कर लगा रहे हैं. उनके सामने भुखमरी की स्थिति है. इसके बावजूद उन मजदूरों को काम नहीं दिया गया है. इस स्थिति में मजदूरों ने आज धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की है. अगर जल्द काम नहीं दिया गया, तो मनरेगा पीओ को घेरने को मजदूर बाध्य होंगे.
मुखिया-पीआरएस कर रहे भेदभाव
भाकपा(माले) प्रखंड सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि उघरा महापाड़ा पंचायत में मजदूरों को काम देने में मुखिया-पीआरएस भेदभाव कर रहे हैं. इस लॉक डाउन में भी मजदूरों को काम देने के बजाय दलाल-बिचौलिया लूटने में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर काम नहीं मिलता है, तो मनरेगा कार्यालय का घेराव करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा.