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DMCH में खुलने वाला है कंगारू मदर केयर वार्ड, प्रीमेच्योर बच्चों के मृत्यु दर में आएगी कमी

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Published : Sep 2, 2019, 2:39 PM IST

कंगारू ट्रीटमेंट वार्ड चालू होने से मां प्रीमेच्योर बच्चे को स्तनपान करा सकेंगी. साथ ही उनका इलाज भी चलता रहेगा. KMC वार्ड में बेड के साथ चेयर भी लगेंगे ताकि जच्चा-बच्चा को किसी तरह की दिक्कत ना हो.

डीएमसीएच अस्पताल दरभंगा


दरभंगा: जिले के सबसे बड़े अस्पताल DMCH में 'कंगारू मदर केयर' वार्ड खोला जा रहा है. इसका उद्धाटन इसी महीने दूसरे सप्ताह में किया जाएगा. इस वार्ड के खुलने से मां खुद ही अपने प्रीमेच्योर नवजात बच्चों का इलाज कर पाएंगी.


बता दें कि डीएमसीएच उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है. अस्पताल शिशु रोग विभाग में 9 सितंबर को कंगारू मदर केयर वार्ड का किया जा रहा है. इस ट्रीटमेंट से प्रीमेच्योर बच्चों के मृत्यु दर में कमी आएगी. समय से पूर्व जन्मे बच्चों को मां अपने सीने से सटाकर रखेंगी. इससे एक ओर मां का तनाव कम होगा तथा दूसरी ओर बच्चे भी जल्द स्वस्थ होंगे.

तैयारियों की जानकारी देते शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष

KMC से जच्चा-बच्चा दोने रहेंगे स्वस्थ
प्रीमेच्योर बच्चों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे में बच्चे का इलाज महीनों तक चलता रहता है. कंगारू ट्रीटमेंट के जरिए कई प्रीमेच्योर बच्चों का इलाज एक साथ और जल्दी किया जाएगा. इस ट्रीटमेंट के तहत मां को नवजात को अपने सीने से सटाकर रखना होता है. इससे मां का तनाव कम होता है और दूध भी ज्यादा मात्रा में बनता है. जिससे स्तनपान कर बच्चा जल्दी स्वस्थ हो सकेगा.

डिजिटल इक्विमेंट वर्क्स से हो रहा काम
अस्पताल में नए वार्ड की तैयारियां जोरों पर है. वार्ड में सामानों को इंस्टॉल करवाया जा रहा है. इस कार्य के इंजीनियर सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि वार्ड में बेबी के आराम से लेकर ब्रेस्ट फीडिंग तक की सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. यहां बेड के साथ कुर्सियां भी लगायी जाएंगी ताकि यहां पर रहने वाली मां को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.


क्या कहते हैं अधिकारी
शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ के एन मिश्रा ने कहा कि कंगारू ट्रीटमेंट वार्ड का काम अंतिम चरण में है. इस वार्ड से उन बच्चों को ज्यादा फायदा होगा, जो समय से पहले पैदा होते हैं. ऐसे बच्चों को हाइपोथर्मिया से बचाना होता है. इसमें बच्चे को गर्म रखना पड़ता है. इसके लिए हमारे पास वार्मर मशीन है. वहीं उन्होंने कहा कि इस ट्रीटमेंट से है. इससे बच्चे का हृदय मजबूत होगा और उन्हें बेहतर नींद आएगी. साथ हीं कंगारू ट्रीटमेंट से प्रीमेच्योर बच्चे की मृत्यु दर में भी कमी आएगी.


दरभंगा: जिले के सबसे बड़े अस्पताल DMCH में 'कंगारू मदर केयर' वार्ड खोला जा रहा है. इसका उद्धाटन इसी महीने दूसरे सप्ताह में किया जाएगा. इस वार्ड के खुलने से मां खुद ही अपने प्रीमेच्योर नवजात बच्चों का इलाज कर पाएंगी.


बता दें कि डीएमसीएच उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है. अस्पताल शिशु रोग विभाग में 9 सितंबर को कंगारू मदर केयर वार्ड का किया जा रहा है. इस ट्रीटमेंट से प्रीमेच्योर बच्चों के मृत्यु दर में कमी आएगी. समय से पूर्व जन्मे बच्चों को मां अपने सीने से सटाकर रखेंगी. इससे एक ओर मां का तनाव कम होगा तथा दूसरी ओर बच्चे भी जल्द स्वस्थ होंगे.

तैयारियों की जानकारी देते शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष

KMC से जच्चा-बच्चा दोने रहेंगे स्वस्थ
प्रीमेच्योर बच्चों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे में बच्चे का इलाज महीनों तक चलता रहता है. कंगारू ट्रीटमेंट के जरिए कई प्रीमेच्योर बच्चों का इलाज एक साथ और जल्दी किया जाएगा. इस ट्रीटमेंट के तहत मां को नवजात को अपने सीने से सटाकर रखना होता है. इससे मां का तनाव कम होता है और दूध भी ज्यादा मात्रा में बनता है. जिससे स्तनपान कर बच्चा जल्दी स्वस्थ हो सकेगा.

डिजिटल इक्विमेंट वर्क्स से हो रहा काम
अस्पताल में नए वार्ड की तैयारियां जोरों पर है. वार्ड में सामानों को इंस्टॉल करवाया जा रहा है. इस कार्य के इंजीनियर सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि वार्ड में बेबी के आराम से लेकर ब्रेस्ट फीडिंग तक की सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. यहां बेड के साथ कुर्सियां भी लगायी जाएंगी ताकि यहां पर रहने वाली मां को किसी प्रकार की परेशानी ना हो.


क्या कहते हैं अधिकारी
शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ के एन मिश्रा ने कहा कि कंगारू ट्रीटमेंट वार्ड का काम अंतिम चरण में है. इस वार्ड से उन बच्चों को ज्यादा फायदा होगा, जो समय से पहले पैदा होते हैं. ऐसे बच्चों को हाइपोथर्मिया से बचाना होता है. इसमें बच्चे को गर्म रखना पड़ता है. इसके लिए हमारे पास वार्मर मशीन है. वहीं उन्होंने कहा कि इस ट्रीटमेंट से है. इससे बच्चे का हृदय मजबूत होगा और उन्हें बेहतर नींद आएगी. साथ हीं कंगारू ट्रीटमेंट से प्रीमेच्योर बच्चे की मृत्यु दर में भी कमी आएगी.

Intro:उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में प्रीमेच्योर बच्चे के मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से शिशु रोग विभाग में सितंबर माह के दूसरे सप्ताह में कंगारू मदर केयर वार्ड खोला जा रहा है। इसके उद्घाटन के लिए प्रस्तावित तारीख 9 सितंबर तय की गई है। कंगारू मदर केयर वार्ड के खुल जाने से प्रीमेच्योर नवजात बच्चों का इलाज कंगारू ट्रीटमेंट से उनकी अपनी मां कर सकेंगी। इस ट्रीटमेंट में समय से पूर्व बच्चे को जन्म देने वाली मां अपने बच्चे को सीने से सटाकर रखेगी, जिससे एक ओर बच्चे की मां का तनाव कम होगा तथा दूसरी ओर बच्चे भी जल्द स्वास्थ्य होंगे।


Body:दरअसल प्रीमेच्योर बच्चे की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को घोर मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे बच्चों का इलाज शिशु रोग विभाग में महीने तक चलता है। कंगारू ट्रीटमेंट के जरिए कई प्रीमेच्योर बच्चे की जान बचाई जा सकती है। इस ट्रीटमेंट के तहद मां को नवजात को अपने सीने से सटाकर रखना होता है। ऐसा करने से बच्चे की माँ अपने तनाव को दूर कर सकेंगी। वहीं दूसरी तरफ बच्चे का स्वास्थ्य भी धीरे-धीरे बेहतर हो जाएगा। वही बच्चे की मां का तनाव कम होने से उन्हें दूध भी ज्यादा मात्रा में बनेगा, जिससे स्तनपान कर बच्चा जल्द ही स्वस्थ हो सकेगा। साथ ही कंगारू ट्रीटमेंट के जरिए बच्चे से उसकी मां का लगाव भी बढ़ेगा।

वही कंगारू मदर केयर वार्ड में सामानों को इंस्टॉल करवा रहे डिजिटल इक्विमेंट वर्क्स के इंजीनियर सुमित श्रीवास्तव ने कहा कि KMC नाम से ही प्रतीत होता है कंगारू मदर केयर। इस कंगारू मदर केयर में बेबी को आराम से किस तरह सटाकर रखने के साथ ही फीडिंग कराना है। इसके लिए सारी सुविधाये दी जा रही है। जिस पर मां आराम से बैठ करके या फिर आराम से लेट कर के अपने बच्चों को दूध पिला सकती है। जिसको लेकर इस वार्ड में KMC बेड के साथ ही KMC चेयर भी दिया जा रहा है। ताकि यहां पर रहने वाली मां को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।



Conclusion:वही शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ के एन मिश्रा ने बताया कि कंगारू ट्रीटमेंट वार्ड का काम अंतिम चरण में चल रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि इस कंगारू मदर केयर वार्ड से उन बच्चों को ज्यादा फायदा होगा, जो समय से पहले पैदा होते हैं। जिन्हें हाइपोथर्मिया से बचाना होता है, जिसमे बच्चे को गर्म रखना पड़ता है। गर्म रखने के लिए एक तो है कि हमारे पास वार्मर मशीन है, जिसमे बच्चों को रखकर गर्म करते हैं। लेकिन कभी कभी बच्चों की संख्या इतना बढ़ जाता है की हर बच्चे को यह सुबिधा दिया जा सके।

वही उन्होंने कहा कि कंगारू ट्रीटमेंट वार्ड चालू हो जाने से फायदा यह होगा कि मां अपने बच्चे को छाती से सटाकर रखेंगी और बच्चा मां का दूध भी पीता रहता है और गर्म भी रहेगा। वही उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने एक वार्ड का प्रावधान किया है। जिसमें 10 KMC बेड के साथ ही KMC चेयर भी लगे रहेंगे। जिस पर मां आराम से लेट कर अपने सीने से सटाकर बच्चे को गर्म रखकर बच्चे को दूध पिलाती रहेगी। इसमें दोनों काम एक ही साथ हो जाता है। तो यह एक बहुत बड़ा बेनिफिट है। इस ट्रीटमेंट से बच्चे का हृदय मजबूत होगा व उन्हें बेहतर नींद आएगी। कंगारू ट्रीटमेंट से प्रीमेच्योर बच्चे की मृत्यु दर में कमी आएगी।

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सुमित श्रीवास्तव, इंजीनियर
के एन मिश्रा, विभागाध्यक्ष शिशु रोग विभाग
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