दरभंगा: भाकपा(माले) के राज्यव्यापी आह्वान पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का पुतला फूंका गया. इस दौरान मंत्री को बर्खास्त करने, कोरोना की व्यापक स्तर पर जांच और इलाज की गारंटी करने, तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना जांच और इलाज का प्रबंध करने, तमाम अनुमंडल और प्रखंड के अस्पतालों में आईसीयू की व्यवस्था करने, जनता को मुफ्त में मास्क सैनेटाइजर साबुन की व्यवस्था करने, डीएमसीएच में डॉक्टर की लापरवाही से हुए जमाल अख्तर रूमी, प्रो. उमेश चंद्र कर्ण की मृत्यु की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया गया.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को बर्खास्त करने की मांग
भाकपा(माले) नेता जंगी यादव ने कहा कि पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इलाज के आभाव में लोग बे मौत मार रहे हैं. भाजपा-जदयू की सरकार चुनाव का खेल खेलने में मस्त है. तीन महीना से उपर होने को चला है, लेकिन सरकार ने जांच -इलाज-रोजी रोजगार किसी मामले में कोई उलेखनीय कार्य नही किया है. सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि इलाज में लापरवाही के कारण जब समाजसेवी और अधिकारियों की मौत हो सकती है, तो सोचा जा सकता है कि आम आदमी बीमार पड़ने पर क्या हालत होगी.
डीएमसीएच में लगातार हो रही मौत की हो उच्चस्तरीय जांच
आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि इन दिनों उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल डीएमसीएच की हालात काफी खराब हो गई है, लेकिन सरकार की इस ओर ध्यान नहीं देकर सत्ता में फिर से कैसे काबिज हो, उस पर योजना बनाने में मस्त है.
वहीं, उन्होंने कहा कि डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से जमाल अख्तर रूमी और प्रो. उमेश चंद्र कर्ण की मृत्यु हो जाती है और जब परिजन द्वारा मौत का कारण पूछा जाता है, तो उनके साथ बदसलूकी की जाती है. क्या नीतीश कुमार यहीं न्याय के साथ विकास है? इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. वही उन्होंने कहा कि डीएमसीएच की लचर व्यवस्था की बात करे तो यहां पर ऑक्सीजन की ठीक ढंग से व्यवस्था नहीं है. ऐसे स्वास्थ्य मंत्री को खुद अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.