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संसदीय कार्य मंत्री से मिले गोपाल जी ठाकुर, कहा- संसद में स्थापित हो विद्यापति की प्रतिमा

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मुलाकात की. उन्होंने संसद भवन में महाकवि विद्यापति की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की.

Gopal ji Thakur met Parliamentary Affairs Minister
संसदीय कार्य मंत्री से मिले गोपाल जी ठाकुर
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Published : Jan 19, 2021, 9:38 PM IST

दरभंगा: दिल्ली में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मुलाकात की. उन्होंने कहा कि मैंने लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन में मिथिला और मैथिली के धरोहर कवि कोकिल महाकवि बाबा विद्यापति की प्रतिमा स्थापित करने की मंत्री से मांग की है.

सांसद ने कहा "महाकवि विद्यापति का जन्म मिथिला क्षेत्र के मधुबनी जिला के बिस्फी में 1352 ई. में हुआ था. साक्षात देवों के देव भगवान महादेव ने 'उगना' के रूप में प्रकट होकर विद्यापति की सेवा की थी. विद्यापति साहित्य, संस्कृत, संगीत, ज्योतिष, दर्शन, नीति शास्त्र आदि के प्रकांड विद्वान थे."

"विद्यापति का मैथिली, अवहट्ट और संस्कृत के अलावा अन्य पूर्वी साहित्यिक परंपराओं में भी अतुल्यनीय योगदान रहा है. पूर्व से वर्तमान समय तक सम्पूर्ण मिथिला में शुभ कार्यक्रमों की शुरुआत विद्यापति द्वारा रचित रचना से ही होती रही है. लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में विद्यापति की प्रतिमा स्थापित होने से मिथिलावासी गौरवान्वित होंगे."- गोपाल जी ठाकुर, सांसद

यह भी पढ़ें- अपने सांसद कल्याण बनर्जी को बर्खास्त कर ममता बनर्जी मांगे माफी: गोपाल जी ठाकुर

दरभंगा: दिल्ली में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मुलाकात की. उन्होंने कहा कि मैंने लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन में मिथिला और मैथिली के धरोहर कवि कोकिल महाकवि बाबा विद्यापति की प्रतिमा स्थापित करने की मंत्री से मांग की है.

सांसद ने कहा "महाकवि विद्यापति का जन्म मिथिला क्षेत्र के मधुबनी जिला के बिस्फी में 1352 ई. में हुआ था. साक्षात देवों के देव भगवान महादेव ने 'उगना' के रूप में प्रकट होकर विद्यापति की सेवा की थी. विद्यापति साहित्य, संस्कृत, संगीत, ज्योतिष, दर्शन, नीति शास्त्र आदि के प्रकांड विद्वान थे."

"विद्यापति का मैथिली, अवहट्ट और संस्कृत के अलावा अन्य पूर्वी साहित्यिक परंपराओं में भी अतुल्यनीय योगदान रहा है. पूर्व से वर्तमान समय तक सम्पूर्ण मिथिला में शुभ कार्यक्रमों की शुरुआत विद्यापति द्वारा रचित रचना से ही होती रही है. लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में विद्यापति की प्रतिमा स्थापित होने से मिथिलावासी गौरवान्वित होंगे."- गोपाल जी ठाकुर, सांसद

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