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दरभंगा: दिव्यांग साइक्लिंग खिलाड़ी की मदद के लिए बढ़े हाथ, जलालुद्दीन की आजीवन मुफ्त इलाज की घोषणा

दरभंगा में मो.जलालुद्दीन को जीवन सुरक्षा अस्पताल ने आजीवन मुफ्त इलाज और दवा उपलब्ध कराने का सर्टिफिकेट दिया.

disabled cyclist jalaluddin
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Published : May 31, 2020, 9:50 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 7:49 PM IST

दरभंगा: साल 2016 में लखनऊ में 12 घंटों तक लगातार 300 किमी साइकिल चला कर रिकॉर्ड कायम कर चुके दरभंगा के दिव्यांग साइक्लिंग खिलाड़ी मो.जलालुद्दीन की मदद के लिए अब हाथ आगे बढ़े हैं. मीडिया में जलालुद्दीन के हौसले के बावजूद गरीबी की वजह से उसके आगे नहीं बढ़ पाने की खबर आने के बाद कई संस्थाएं उसकी मदद कर रही है.

अंग वस्त्र देकर किया गया सम्मानित
इसी क्रम में शनिवार को ओ' फातिमा ए वीमेन इंपावरमेंट ऑर्गनाइजेशन की ओर से संचालित जीवन सुरक्षा अस्पताल ने जलालुद्दीन के लिए आजीवन मुफ्त इलाज और दवा उपलब्ध कराने का सर्टिफिकेट दिया. साथ ही संस्था ने अंग वस्त्र देकर जलालुद्दीन को सम्मानित भी किया.

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मो.जलालुद्दीन को सर्टिफिकेट देते मेडिकल ऑफिसर

ओ' फातिमा वीमेन इंपावरमेंट ऑर्गनाइजेशन की सचिव हीना साहेब ने कहा कि जलालुद्दीन गरीबी की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. चयन होने के बाद भी संसाधन के अभाव में वह इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेलने इंडोनेशिया नहीं जा सका.

समाज को आना चाहिए आगे
हीना साहेब ने कहा कि जलालुद्दीन को आगे बढ़ाने के लिए उसकी हर संभव मदद के लिए समाज को आगे आना चाहिए. जलालुद्दीन अगर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफल होता है, तो वह केवल टेकटार या दरभंगा का नहीं बल्कि भारत का नाम दुनिया भर में रोशन करेगा. जीवन सुरक्षा अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर मो.शहाबुद्दीन ने कहा कि जलालुद्दीन की प्रतिभा को देखते हुए इसकी सहायता के लिए ट्रस्ट और अस्पताल उसके बीमार होने पर जिंदगी भर मुफ्त इलाज, जांच और दवा की व्यवस्था करेगा. इसके लिए एक सर्टिफिकेट जलालुद्दीन को दिया गया है.

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मो.जलालुद्दीन का आजीवन किया जाएगा मुफ्त इलाज

साइक्लिंग की करता रहा प्रैक्टिस
मो.शहाबुद्दीन ने कहा कि वे चाहते हैं कि जलालुद्दीन के आगे बढ़ने में गरीबी और अभाव बाधा न बने, इसलिए उसकी मदद के लिए समाज आगे आए. बता दें महज 6 साल की उम्र में जलालुद्दीन ट्रेन की चपेट में आकर अपना एक पैर गंवा बैठा था. इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और साइक्लिंग की प्रैक्टिस करता रहा. उसने देश के कई शहरों में बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में हुआ था चयन
जलालुद्दीन ने सबसे बड़ा रिकॉर्ड वर्ष 2016 में लखनऊ के बाबू केडी सिंह स्टेडियम में 12 घंटों में 300 किमी साइकिल चला कर बनाया था. उसका चयन 2019 में इंडोनेशिया में हुई अंतरराष्ट्रीय साइक्लिंग चैंपियनशिप के लिए भी हुआ था. लेकिन संसाधनों के अभाव में वह चयन के बावजूद वहां नहीं जा सका. जलालुद्दीन ने साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से भी मदद की गुहार लगाई है.

दरभंगा: साल 2016 में लखनऊ में 12 घंटों तक लगातार 300 किमी साइकिल चला कर रिकॉर्ड कायम कर चुके दरभंगा के दिव्यांग साइक्लिंग खिलाड़ी मो.जलालुद्दीन की मदद के लिए अब हाथ आगे बढ़े हैं. मीडिया में जलालुद्दीन के हौसले के बावजूद गरीबी की वजह से उसके आगे नहीं बढ़ पाने की खबर आने के बाद कई संस्थाएं उसकी मदद कर रही है.

अंग वस्त्र देकर किया गया सम्मानित
इसी क्रम में शनिवार को ओ' फातिमा ए वीमेन इंपावरमेंट ऑर्गनाइजेशन की ओर से संचालित जीवन सुरक्षा अस्पताल ने जलालुद्दीन के लिए आजीवन मुफ्त इलाज और दवा उपलब्ध कराने का सर्टिफिकेट दिया. साथ ही संस्था ने अंग वस्त्र देकर जलालुद्दीन को सम्मानित भी किया.

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मो.जलालुद्दीन को सर्टिफिकेट देते मेडिकल ऑफिसर

ओ' फातिमा वीमेन इंपावरमेंट ऑर्गनाइजेशन की सचिव हीना साहेब ने कहा कि जलालुद्दीन गरीबी की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. चयन होने के बाद भी संसाधन के अभाव में वह इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेलने इंडोनेशिया नहीं जा सका.

समाज को आना चाहिए आगे
हीना साहेब ने कहा कि जलालुद्दीन को आगे बढ़ाने के लिए उसकी हर संभव मदद के लिए समाज को आगे आना चाहिए. जलालुद्दीन अगर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफल होता है, तो वह केवल टेकटार या दरभंगा का नहीं बल्कि भारत का नाम दुनिया भर में रोशन करेगा. जीवन सुरक्षा अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर मो.शहाबुद्दीन ने कहा कि जलालुद्दीन की प्रतिभा को देखते हुए इसकी सहायता के लिए ट्रस्ट और अस्पताल उसके बीमार होने पर जिंदगी भर मुफ्त इलाज, जांच और दवा की व्यवस्था करेगा. इसके लिए एक सर्टिफिकेट जलालुद्दीन को दिया गया है.

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मो.जलालुद्दीन का आजीवन किया जाएगा मुफ्त इलाज

साइक्लिंग की करता रहा प्रैक्टिस
मो.शहाबुद्दीन ने कहा कि वे चाहते हैं कि जलालुद्दीन के आगे बढ़ने में गरीबी और अभाव बाधा न बने, इसलिए उसकी मदद के लिए समाज आगे आए. बता दें महज 6 साल की उम्र में जलालुद्दीन ट्रेन की चपेट में आकर अपना एक पैर गंवा बैठा था. इसके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और साइक्लिंग की प्रैक्टिस करता रहा. उसने देश के कई शहरों में बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में हुआ था चयन
जलालुद्दीन ने सबसे बड़ा रिकॉर्ड वर्ष 2016 में लखनऊ के बाबू केडी सिंह स्टेडियम में 12 घंटों में 300 किमी साइकिल चला कर बनाया था. उसका चयन 2019 में इंडोनेशिया में हुई अंतरराष्ट्रीय साइक्लिंग चैंपियनशिप के लिए भी हुआ था. लेकिन संसाधनों के अभाव में वह चयन के बावजूद वहां नहीं जा सका. जलालुद्दीन ने साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से भी मदद की गुहार लगाई है.

Last Updated : Jun 4, 2020, 7:49 PM IST
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