दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय स्थापना दिवस के अवसर पर आकर्षक झांकी निकाली गयी. इस दौरान कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का कालखंड सराहनीय रहा है. विश्वविद्यालय का 47वीं वर्षगांठ मना रहा है. इसलिए इस स्थापना दिवस पर हमें आत्म अवलोकन करना चाहिए कि इन 47 वर्षो में हमने क्या खोया और क्या पाया है.
प्रतिकुलपति ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
झांकियों को विवि चौरंगी से विवि के प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. झांकियों का प्रमुख आकर्षण का केंद्र सीएम लॉ कॉलेज के पर्यावरण संरक्षण, केएस कॉलेज वीर कुंवर सिंह की झांकी रही .मारवाड़ी कॉलेज के स्वस्थ व स्वच्छ भारत, मिल्लत कॉलेज के पर्यावरण संरक्षण पर निकली झांकी आकर्षण का केंद्र रही. वहीं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की ओर से कई मनमोहक झांकियां निकाली गई, जिसमें बौद्ध शिक्षा ,ग्रामीण परिवेश, समृद्ध भारत और भगवान शिव पर निकाली गयी झांकी आकर्षण का केंद्र रही.
शोध के नए रास्ते की करनी होगी खोज
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्रा ने भाग लिया. इस दौरान उन्होनें कहा कि सफल शोध अनाजान रास्ते पर संभव है. इसलिए वर्तमान समय में शोध के नए रास्ते की खोज करनी होगी .पहले भारत विश्व गुरु था. नई शोध से हम हम पुन: गौरवशाली अस्मिता को पा सकते हैं.
छात्रों का उत्साह सराहनीय
वहीं इस दौरान विवि के कुलपति ने कहा कि आज का दिन विवि के संस्थापकों और इसके विकास में योगदान देने वाले लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है. उन्होंने कहा कि छात्रों के उत्साह से विवि का परिसर ऊर्जा से लबरेज हो गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इसी उत्साह से छात्र कक्षाओं में भी आएंगे. जिससे विवि की शैक्षणिक गतिविधि में सुधार होगा.