दरभंगाः जिले में नदियां उफान पर हैं. कहीं गांवों में बाढ़ का जल घुस चुका है तो कहीं सड़क और पुलों पर पानी का भारी दबाव है. बागमती नदी का पानी एसएच-50 पर भारी दबाव बनाए हुए है. सड़क को बचाने की कोशिश शुरू हो गई है. ये सड़क एनएच-57 को समस्तीपुर से जोड़ती है. सड़क के टूटने की आशंका से लोग डरे-सहमे हुए हैं. पिछले साल की बाढ़ में इस इलाके में एक पुल पानी में बह गया था. तो यह सड़क कई जगहों पर टूट गई थी. इसकी वजह से कम से कम 20 गांवों के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. उनकी फसलें डूब गई थी और घर ध्वस्त हो गए थे. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंच कर लोगों से बात की और स्थिति का जायजा लिया.
स्थानीय कलीमुल्लाह ने बताया कि पिछले साल की बाढ़ में जब यह सड़क टूटी थी तो काफी नुकसान हुआ था. बिरदीपुर और अरई गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. महीनों तक लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि इस बार भी वैसी ही स्थिति बन रही है. इस सड़क की मरम्मत हो रही है. इसके अलावा बचाव और राहत को लेकर कोई तैयारी नहीं है. लोगों की फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं. लोग पूरी तरह डरे-सहमे हुए हैं.
एनएच 57 के ऊपर से बहता है बाढ़ का पानी
स्थानीय वजीर अहमद ने कहा कि सड़क पर इस बार भी बड़ा खतरा है. अगर इसकी सही से मरम्मत नहीं की गई तो अगले 24-26 घंटे में यह बह सकती है. उन्होंने कहा कि यह सड़क मुजफ्फरपुर-दरभंगा एनएच-57 से निकल कर समस्तीपुर को जोड़ती है. सड़क के किनारे 20 से ज्यादा गांव हैं जो प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल की बाढ़ में यह सड़क बह गई थी तो काफी नुकसान हुआ था. फसल डूब गई थी और लोगों के घर ध्वस्त हुए थे. उस नुकसान की अब तक भरपाई नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि इस बार भी वही स्थिति बन रही है. अगर सड़क को बचाया नहीं गया तो बड़ा नुकसान हो सकता है.
पिछले साल बाढ़ ने मचाई थी तबाही
उधर, सड़क निर्माण कंपनी बल्लभ नैनी कंस्ट्रक्शन के साइट इंचार्ज अनीश ठाकुर ने बताया कि सड़क पर भारी दबाव बना हुआ है. पानी तेजी से बढ़ रहा है. वे लोग टिन की चादरें और सीमेंट के बोरे डाल कर सड़क को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. पिछले साल की बाढ़ में जब ये सड़क टूटी थी तो इलाके में काफी तबाही हुई थी.