दरभंगा: बिहार में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले के हनुमान नगर प्रखंड इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है. प्रखंड के नैयाम-छतौना पंचायत का ज्यादातर गांव टापू में तब्दील हो चुका है. जिससे यहां के ग्रामीणों की समस्या काफी बढ़ गई है.
दरभंगा के हनुमाननगर प्रखंड के नैयाम-छतौना पंचायत में लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. लोगों के घर डूब चुके हैं. बाढ़ पीड़ितों की मानें तो राहत और बचाव के सरकारी दावे यहां खोखले साबित हो रहे हैं.
सरकारी नावों के लिए देने पड़ रहे पैसे
बाढ़ से जूझ रहे लोगों ने यह भी बताया कि यहां बन रहे नैयाम पुल का काम पिछले तीन साल से अधूरा है. जिस वजह से बाढ़ आई. यहां के लोगों का जीवन इन दिनों पूरी तरह से नाव पर निर्भर है. प्रशासन की ओर से जो नाव उन्हें मुहैया कराई गई है, उसके लिए भी इन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं. नाविक गरीब लोगों से एक बार आने-जाने के 20 रुपये वसूल रहे हैं. जिस कारण बाढ़ पीड़ित दाने-दाने को मोहताज हैं.
मनुष्य के साथ-साथ पशु भी परेशान
स्थानीय लोग कहते हैं कि पूरा गांव डूबा हुआ है. कहीं छाती भर पानी है, तो कहीं कमर भर. पशु भी भूखे पानी मे खड़े हैं. घास ले जाने के लिए उन्हें 20 रुपये नाविक को देने पड़ रहे हैं. लोगों में इसको लेकर भी आक्रोश है कि कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है.
कार्रवाई की बात
इस बाबत हनुमाननगर बीडीओ सुधीर कुमार ने कहा कि नैयाम-छतौना पंचायत के लिये छह सरकारी नावें दी गयी हैं. इन नावों पर आवागमन के लिये पैसे नहीं देने हैं. इसपर भी अगर कोई नाविक पैसे वसूलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.