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दरभंगा: कमला नदी का बांध टूटने से दर्जनों गांव में घुसा पानी, जान और माल का भारी नुकसान - relief work

कमला नदी का बांध टूटने से जिले के दर्जनों गांव इससे प्रभावित हो गए हैं. यहां के लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. प्रशासन की टीम पहुंच कर राहत कार्यों में जुट गई है.

दरभंगा
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Published : Jul 14, 2019, 9:55 PM IST

Updated : Jul 14, 2019, 10:10 PM IST

दरभंगा: पिछले 6 दिनों से हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी ने जिले की तस्वीर ही बदल दी है. नदियों में बहाव तेज हो गया है. इससे कमला नदी का बांध टूट गया है. दर्जनों गांव इसकी चपेट में आ गए हैं.

मॉनसून के आते ही कमला नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है. तेज बहाव की वजह से इसका बांध टूट गया. इससे जिले के तारडीह, गौरा बौराम और घनश्यामपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. यहां के लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. इसके साथ ही किसानों की फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है.

'प्रशासन मदद को लेकर सुस्त'
स्थानीय लोगों का कहना है कि शनिवार देर रात अचानक गांव में पानी प्रवेश करने लगा. बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. प्रशासन की तरफ से हमलोगों को एक नाव तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. किसी अप्रिय घटना में हम गांव से बाहर कैसे जा सकेंगे? वहीं, जिला प्रशासन ने इस पूरे इलाके में अलर्ट जारी किया है. यहां सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही स्कूल प्रशासन को सीओ से संपर्क कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहयोग करने को कहा है.

स्थानीय और अपर समाहर्ता उमाकांत पांडे का बयान

एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी
वहीं, अपर समाहर्ता उमाकांत पांडे ने कहा कि एनडीआरएफ की भी एक टीम आ चुकी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू किया जा रहा है. वहां से सभी को निकाला जा रहा है. डॉक्टरों को भी राहत कार्य में लगाए गए हैं. इसके साथ पैकेजिंग भी वितरण कराया जाएगा. कुछ स्थानों पर कम्युनिकेशन भंग हो गया है. यहां नाव की व्यवस्था की जा रहा है.

दरभंगा: पिछले 6 दिनों से हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी ने जिले की तस्वीर ही बदल दी है. नदियों में बहाव तेज हो गया है. इससे कमला नदी का बांध टूट गया है. दर्जनों गांव इसकी चपेट में आ गए हैं.

मॉनसून के आते ही कमला नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है. तेज बहाव की वजह से इसका बांध टूट गया. इससे जिले के तारडीह, गौरा बौराम और घनश्यामपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. यहां के लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. इसके साथ ही किसानों की फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है.

'प्रशासन मदद को लेकर सुस्त'
स्थानीय लोगों का कहना है कि शनिवार देर रात अचानक गांव में पानी प्रवेश करने लगा. बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. प्रशासन की तरफ से हमलोगों को एक नाव तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. किसी अप्रिय घटना में हम गांव से बाहर कैसे जा सकेंगे? वहीं, जिला प्रशासन ने इस पूरे इलाके में अलर्ट जारी किया है. यहां सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही स्कूल प्रशासन को सीओ से संपर्क कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहयोग करने को कहा है.

स्थानीय और अपर समाहर्ता उमाकांत पांडे का बयान

एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी
वहीं, अपर समाहर्ता उमाकांत पांडे ने कहा कि एनडीआरएफ की भी एक टीम आ चुकी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू किया जा रहा है. वहां से सभी को निकाला जा रहा है. डॉक्टरों को भी राहत कार्य में लगाए गए हैं. इसके साथ पैकेजिंग भी वितरण कराया जाएगा. कुछ स्थानों पर कम्युनिकेशन भंग हो गया है. यहां नाव की व्यवस्था की जा रहा है.

Intro:दरभंगा में पिछले 6 दिनों से हो रहे मानसून की बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी से अचानक जिले की सभी नदियों में उफान आ गई है। नदी में पानी का दबाव बढ़ने के कारण अचानक कई जगहों पर कमला नदी पर बने बांध भी टूट गया है। जिससे तारडीह, गौरा बौराम और घनश्यामपुर प्रखंड के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। जिससे समूचे भूभाग में पानी ही पानी दिखने लगा है और दर्जनों गांवों की हालत नाजुक बन गई है। वहीं खेत खलियान डूबने से धान मक्का अरहर मूंग तिल केला तथा मौसमी सब्जियों की खेती को भारी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ का पानी और बढ़ने से आशंका से निचले इलाके के लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि अभी तक जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों से सुधि तक नहीं ली है।


Body:दरअसल दरभंगा जिला में कमला नदी में पानी का दबाव के चलते तारडीह प्रखंड के कैथवार ककोढा घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल तथा गौरा बौराम प्रखंड के मांसारा के पास देर रात तक बंद टूट जाने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है। वहीं बाढ़ का तांडव को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलीनगर, किरतपुर, घनश्यामपुर, गौरा बौराम, मनीगाछी, बिरौल, तारडीह, कुशेश्वरस्थान पूर्वी व पश्चिमी प्रखंड को अलर्ट करते हुए इस क्षेत्र में पड़ने वाले सभी विद्यालय के प्रधानाचार्य को आदेश दिया है कि वह अपने प्रखंड के बीडीओ सीओ से संपर्क कर बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षा एवं आवश्यक सहयोग प्रदान करें। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि देर रात अचानक गांव में पानी प्रवेश करने लगा, जिसके बाद हम लोग अपनी जान माल को बचाने में जुट गए हैं। लेकिन बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है और अब तक जिला प्रशासन के तरफ से एक नाव भी हम लोगों को नहीं दिया गया है। अगर देर रात किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो ऐसे में उसे अस्पताल ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।


Conclusion:वही वरीय अपर समाहर्ता उमाकांत पांडे ने कहा कि एनडीआरएफ की भी एक टीम आई है और रेस्क्यू का काम कर रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जहां जहां महिलाएं व बच्चे फंसे हुए हैं, उन्हें वहां से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएचसी डॉक्टरों वगैरह को भी राहत कार्य में लगाए गए हैं। प्राइमरी हेल्थ कि जो भी सुविधा है, उसके लिए पर्याप्त दवा की व्यवस्था करा ली गई है। इस तरह से हम लोग स्थिति को नियंत्रण करने के प्रयास में लगे हुए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि जिला से जो भी पैकेजिंग आ रहे हैं, उसे भी वितरण कराया जाएगा। फिलहाल हमलोग को भी कुछ जगहों पर परेशानी हो रही है। जहां से कम्युनिकेशन भंग हो गया है, उस स्थान को भी लॉकेट किया जा रहा है। वहीं उन्होंने नाव की व्यवस्था के सवाल पर कहा कि यह फ्लड इफेक्टेड एरिया नहीं था। इसीलिए लोकल स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं की गई थी।नाव हम लोग दूसरे जगह से मंगवा रहे हैं, आते ही उसको भी तुरंत एक्टिव कर दिया जाएगा।

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विपिन कुमार बाढ़ पीड़ित
रामकुमार यादव, बाढ पीड़ित
उमाकांत पांडे, वरीय अपर समाहर्ता दरभंगा
Last Updated : Jul 14, 2019, 10:10 PM IST
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