दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिला स्थित एम.एल.एस.एम. कॉलेज सभागार में पार्थ सौरव द्वारा निर्देशित एवं बालीवुड के चर्चित निर्देशित अनुराग कश्यप द्वारा प्रस्तुत फिल्म "पोखर के दुनू पार" की स्क्रीनिंग की गई. इस फिल्म की खास बात यह है कि इसे दरभंगा में शूट किया गया है. इसकी कहानी लाॅक डाऊन के बाद दिल्ली से वापस आये एक युवा प्रेमी जोड़े के अन्तर्द्वन्ध के आसपास घुमती है. इसके पूर्व यह फिल्म कई अन्तरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित और पुरस्कृत हो चूंकि है.
कई सारे फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित: वहीं फिल्म निर्देशक पार्थ सौरभ ने कहा कि इस तरह के फिल्म से दर्शकों का सिनेमा के प्रति नजरिया बदलेगा. यह फिल्म पूरी तरह से दरभंगा में शूट की गई है. इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कई सारे फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया है. इस फिल्म को स्पेन और रूस के साथ ही भारत में कई अवार्ड मिले हैं. अब यह फिल्म ओटीटी पर प्रदर्शित की जा रही हैं.
"इस फिल्म की कहानी एक प्रेमी जोड़े की है, जो दरभंगा से पलायन करके दिल्ली चले जाते है. लेकिन तभी कोरोना के कारण पूरे देश मे लॉकडाउन लग जाता है. इसके कारण उन्हें दरभंगा वापस लौटने पड़ता है. दरभंगा आने के बाद उन्हें किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, यह तमाम चीजें इस फिल्म में दर्शाया गया है. मैं यहां के फिल्म प्रेमियों से आग्रह करता हूं कि वह इस फिल्म को जरूर देखने जाएं." - पार्थ सौरभ, निर्माता और निर्देशक.
शीर्षक का मतलब पोखर के दोनों पार: वहीं उन्होंने फिल्म के शीर्षक के संबंध में बताया कि दरभंगा तालाबों के शहर से जाना जाता है. इसीलिए पोखर नाम सुनते ही दरभंगा के समाज का एक दृश्य बन जाता है. मतलब कि इस फिल्म में पोखर को एक रुपक के तौर पर प्रयोग किया गया है. फिल्म "पोखर के दुनू पार" शीर्षक का मतलब होता है पोखर के दोनों पार. जहां एक समाज के दोनों छोर पर पुरुष और स्त्री खड़े हैं. आज के परिवेश में उनके बीच जो विभाजन आ गया है. उसको ही इस फिल्म में दर्शाने का प्रयास किया गया है. इसलिए इस फिल्म का नाम "पोखर के दुनू पार " रखा गया है.
इसे भी पढ़े- दरभंगा अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल : देश-विदेश से पहुंचे कई फिल्मकार