दरभंगाः चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas) के असर ने जहां एक तरफ आम जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया वहीं दूसरी तरफ इस तूफान की मार किसानों(Farmers) पर भी पड़ी. तूफान के कारण किसानों को आम, मक्का और दलहन की फसलों में काफी नुकसान हुआ. हरी भरी फसलें लगातार चार दिनों की बारिश में डूबकर बर्बाद हों गईं. आलम ये है कि बरसात से पहले ही किसानों पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा है.
दरभंगा में किसानों के खेतों में लगी फसल बारिश के पानी में बर्बाद हो गई. बीते कई दिनों से चक्रवाती तूफान के कारण किसानों को आम के फसलों में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. लगातार हो रही भारी बारिश के कारण खेतों में पानी जम गए हैं. जिस कारण खेतों में लगे मूंग और जनेर की फसलें भी डूब गईं.
'मूंग की फसलें लगभग तैयार हो चुकी थी. 2 से 4 दिनों में उनके फल तोड़े जाते इससे पहले ही इस तूफान और भारी बारिश ने पूरी फसल को बर्बाद कर दिया है'- रवि कमती ,किसान
कई किसानों का कहना है कि मवेशियों के चारा के लिए जनेर की फसल भी लगाई गई गई थी. जिसे इस भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. सबसे ज्यादा नुकसान मूंग की फसल को हुआ है. खेतों में पानी जमा होने से फसल को भारी नुकसान हुआ. ऐसे में किसानों के लिए यह तूफान बड़ी परेशानी बनकर आया है.
बता दें कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान यास का असर बिहार में व्यापक रूप से देखा गया. बिहार में इसका असर 30 मई तक रहने का पूर्वानुमान है. इस दौरान कई घरों, वृक्षों और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ किसानों के खेतों में लगी फसल भी काफी बर्बाद हुई है.
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