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फसल नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति नहीं मिलने पर किसानों ने दी प्रदर्शन करने की चेतावनी

श्याम भारती ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को जो पैकेज देने की घोषणा की, उससे किसानों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें कोरोना महामारी से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति मिलेगी.

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Published : May 18, 2020, 6:15 PM IST

दरभंगा: तेज आंधी-बारिश से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति के लिये जिले के 12 प्रखंडों के किसानों को फसल क्षति का अनुदान देने की घोषणा राज्य सरकार ने की है. क्षतिपूर्ति आवेदन के लिये कृषि विभाग के साइट पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 मई है. लेकिन पिछले एक सप्ताह से ये साइट काम नहीं कर रहा. ऐसे में किसानों ने कहा है कि अगर उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो वे प्रदर्शन करेंगे.

बिहार राज्य किसान काउंसिल (AIKS) के संयुक्त सचिव श्याम भारती ने बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि खत्म होने में सिर्फ 2 दिन ही बचे हैं. ऐसे में आवेदन दाखिल नहीं होने के कारण किसानों को चिंता सता रही है कि फसल क्षति अनुदान से वे वंचित रह जायेंगे. श्याम भारती ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को जो पैकेज देने की घोषणा की, उससे किसानों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें कोरोना महामारी से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति मिलेगी.

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किसान

आंदोलन करेंगे किसान
किसानों को उम्मीद थी कि खरीफ फसल के लिए उन्हें मुक्त ब्याज पर कर्ज मिलेगा, खाद, बीज, डीजल और सिंचाई के लिये कुछ राहत मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है. श्याम भारती ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में भी किसानों ने कोरोना योद्धा के रूप में काम किया है. केंद्र और राज्य सरकार को किसानों को सम्मान देना चाहिए. लेकिन अन्नदाता किसानों को सम्मान देने के बजाय उनके साथ नाइंसाफी हो रही है.

दरभंगा: तेज आंधी-बारिश से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति के लिये जिले के 12 प्रखंडों के किसानों को फसल क्षति का अनुदान देने की घोषणा राज्य सरकार ने की है. क्षतिपूर्ति आवेदन के लिये कृषि विभाग के साइट पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 मई है. लेकिन पिछले एक सप्ताह से ये साइट काम नहीं कर रहा. ऐसे में किसानों ने कहा है कि अगर उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो वे प्रदर्शन करेंगे.

बिहार राज्य किसान काउंसिल (AIKS) के संयुक्त सचिव श्याम भारती ने बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि खत्म होने में सिर्फ 2 दिन ही बचे हैं. ऐसे में आवेदन दाखिल नहीं होने के कारण किसानों को चिंता सता रही है कि फसल क्षति अनुदान से वे वंचित रह जायेंगे. श्याम भारती ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को जो पैकेज देने की घोषणा की, उससे किसानों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें कोरोना महामारी से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति मिलेगी.

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आंदोलन करेंगे किसान
किसानों को उम्मीद थी कि खरीफ फसल के लिए उन्हें मुक्त ब्याज पर कर्ज मिलेगा, खाद, बीज, डीजल और सिंचाई के लिये कुछ राहत मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है. श्याम भारती ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में भी किसानों ने कोरोना योद्धा के रूप में काम किया है. केंद्र और राज्य सरकार को किसानों को सम्मान देना चाहिए. लेकिन अन्नदाता किसानों को सम्मान देने के बजाय उनके साथ नाइंसाफी हो रही है.

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