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आम की अच्छी फसल नहीं होने से किसानों में मायूसी, कृषि विभाग पर लापरवाही का आरोप

दरभंगा में आम की खेती ज्यादा होती है लेकिन इस बार मंजूर गिर जाने से किसानों के चेहरे में मायूसी है और कृषि विभाग के खिलाफ आक्रोश. किसानों ने बताया कि विभाग की लापरवाही की वजह से काम की फसलें बर्बाद हुई है.

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Published : May 25, 2021, 4:52 PM IST

दरभंगा
दरभंगा

दरभंगा: मिथिलांचल के आम की मिठास देश विदेशों में बेशुमार है. यहां की प्रमुख फसलों में आम सबसे खास माना जाता है. रबी फसल खत्म होते ही इलाके के किसान आम की फसलों की ओर ध्यान लगा देते हैं. पेड़ में मंजर लगने के समय से ही किसान आम की फसलों की देखभाल में लग जाते हैं, लेकिन बदकिस्मती से किसानों को इस वर्ष भी आम की फसलों ने मायूस कर दिया है.

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आम का मंजर गिरने से किसानों में मायूसी
गौरतलब है कि इस बार आम की मंजर को देखकर किसान काफी उत्साहित थे. हो भी क्यों ना, क्योंकि आम की टहनियों पर लटके मंजर इस बार आम की अधिक पैदावार होने की ओर इशारा कर रहे थे. लेकिन पेड़ में लगे मंजर अचानक गिरने लगे. किसानों के लाख प्रयास करने के बावजूद भी मंजर पेड़ से गिर गए. मंजर गिरने से किसान काफी मायूस हैं. किसानों की नाराजगी यहां के कृषि विभाग से भी है. क्योंकि कृषि विभाग की तरफ से कोई भी कृषि कर्मी इन किसानों को मंजर बचाने के समुचित उपायों को बताने तक नहीं पहुंचे. लोगों का कहना था कि अगर कृषि विभाग इस ओर ध्यान देता तो शायद आम की फसलें बर्बाद होने से बच जाता.

देखें ये रिपोर्ट

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किसानों ने कृषि विभाग पर लागाया आरोप
ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने बताया कि आम का मंजर तो इस बार बहुत आया था और हम लोग आम की फसलों पर निर्भर थे. लेकिन आम का मंजर झड़ जाने से अब आम के पेड़ों में गिने चुने ही आम के फल दिख रहे हैं. अगर समय रहते कृषि विभाग के द्वारा इस ओर ध्यान दिया जाता तो शायद इतनी बड़ी क्षति नहीं होती. कृषि विभाग की उदासीनता के कारण किसानों को आम की फसल नहीं हो पाई.

दरभंगा: मिथिलांचल के आम की मिठास देश विदेशों में बेशुमार है. यहां की प्रमुख फसलों में आम सबसे खास माना जाता है. रबी फसल खत्म होते ही इलाके के किसान आम की फसलों की ओर ध्यान लगा देते हैं. पेड़ में मंजर लगने के समय से ही किसान आम की फसलों की देखभाल में लग जाते हैं, लेकिन बदकिस्मती से किसानों को इस वर्ष भी आम की फसलों ने मायूस कर दिया है.

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आम का मंजर गिरने से किसानों में मायूसी
गौरतलब है कि इस बार आम की मंजर को देखकर किसान काफी उत्साहित थे. हो भी क्यों ना, क्योंकि आम की टहनियों पर लटके मंजर इस बार आम की अधिक पैदावार होने की ओर इशारा कर रहे थे. लेकिन पेड़ में लगे मंजर अचानक गिरने लगे. किसानों के लाख प्रयास करने के बावजूद भी मंजर पेड़ से गिर गए. मंजर गिरने से किसान काफी मायूस हैं. किसानों की नाराजगी यहां के कृषि विभाग से भी है. क्योंकि कृषि विभाग की तरफ से कोई भी कृषि कर्मी इन किसानों को मंजर बचाने के समुचित उपायों को बताने तक नहीं पहुंचे. लोगों का कहना था कि अगर कृषि विभाग इस ओर ध्यान देता तो शायद आम की फसलें बर्बाद होने से बच जाता.

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ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने बताया कि आम का मंजर तो इस बार बहुत आया था और हम लोग आम की फसलों पर निर्भर थे. लेकिन आम का मंजर झड़ जाने से अब आम के पेड़ों में गिने चुने ही आम के फल दिख रहे हैं. अगर समय रहते कृषि विभाग के द्वारा इस ओर ध्यान दिया जाता तो शायद इतनी बड़ी क्षति नहीं होती. कृषि विभाग की उदासीनता के कारण किसानों को आम की फसल नहीं हो पाई.

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