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दरभंगा: सूक्ष्म इकाई स्थापित कर प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की कवायद शुरू

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Published : Jun 18, 2020, 11:16 PM IST

प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव पहल की जा रही है. वहीं, जिले में मखाना उद्योग और मिथिला पेंटिंग को लेकर व्यवसायिक रूप देकर लोगों को रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है. इसी को लेकर जिलाधिकारी अध्यक्षता में परामर्शदातृ समिति की बैठक आयोजित की गई.

exercise to connect migrant laborers with employment in darbhanga
प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की कवायद

दरभंगा: बिहार सरकार के उद्योग विभाग की ओर से जारी अधिसूचना को लेकर जिला परामर्शदातृ समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने किया. वहीं, बैठक में मुख्यमंत्री सूक्ष्म लघु उद्योग, कलस्टर विकास योजना के अंतर्गत जिला में इनोवेटिव कार्य को प्रोत्साहित करने और इस कार्य से अधिक से अधिक स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को जोड़ने पर विचार विमर्श किया गया.

मास्क निर्माण, मखाना प्रसंस्करण और पेंटिंग कार्य होंगे प्रमोट

इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से राज्य के हरेक जिले को इनोवेशन फंड के तहत 50 लाख रुपये दिए जाएंगे. इससे सूक्ष्म इकाई को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इसी कारण से जिला में प्राप्त इनोवेटिव फंड से तत्काल 3 योजनाओं को शुरू किया जाएगा. इसमें मिथिला पेंटिंग किया हुआ मास्कों का निर्माण, मखाना का प्रशंसकरण और आंगनवाड़ी केंद्रों में वाल पेंटिंग कार्य शामिल हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जिले में भी रोजगार सृजन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है ताकि प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जा सके.

मिथिला पेंटिग को दिया जाएगा व्यवसायिक रूप
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि दरभंगा जिला मखाना की खेती के लिए जाना जाता है. यहां उच्च क्वालिटी का मखाना उत्पादन होता है. इसीलिए जो प्रवासी मजदूर फुड प्रोसेसिंग, बेकरी या होटल मेनेजमेंट के व्यवसायों से जुड़े हुए थे. उनको मखाना प्रोसेसिंग उद्यम से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिग भी यहां की परंपरागत और समृद्ध स्थानीय लोक चित्र कला है. इस चित्रकला को गारमेंट सेक्टर या फेस मास्क, बुटिक और परिधान पर उकेरकर और इसे व्यवसाय का रूप देकर रोजगार सृजन किया जाएगा. जो प्रवासी मजदूर टैलरिंग के रोजगार से जुड़े हुए थे उन्हें इस रोजगार से जोड़ा जा सकता है.

33 आंगवाड़ी केंद्रों का बाला पेंटिंग के लिए चयन
इसके अलावे डीएम डॉ. त्यागराजन ने दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि जिला उद्योग केंद्र इस काम के लिए प्रवासी कुशल मजदूरों की सूची तैयार करे और आगे की कार्रवाई के लिए जिला स्तरीय परामर्शदातृ समिति को भेजे. वहीं, इस मौके पर डीपीओ आईसीडीएस की ओर से बताया गया कि समाज कल्याण विभाग के निर्देशानुसार जिला के सभी 18 परियोजनाओं में कुल 33 आंगवाड़ी केंद्रों का चयन बाला पेंटिंग कार्य के लिए किया गया है. यह कार्य कुशल और अर्ध कुशल प्रवासी मजदूरों से करवाया जाएगा.

दरभंगा: बिहार सरकार के उद्योग विभाग की ओर से जारी अधिसूचना को लेकर जिला परामर्शदातृ समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने किया. वहीं, बैठक में मुख्यमंत्री सूक्ष्म लघु उद्योग, कलस्टर विकास योजना के अंतर्गत जिला में इनोवेटिव कार्य को प्रोत्साहित करने और इस कार्य से अधिक से अधिक स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को जोड़ने पर विचार विमर्श किया गया.

मास्क निर्माण, मखाना प्रसंस्करण और पेंटिंग कार्य होंगे प्रमोट

इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से राज्य के हरेक जिले को इनोवेशन फंड के तहत 50 लाख रुपये दिए जाएंगे. इससे सूक्ष्म इकाई को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इसी कारण से जिला में प्राप्त इनोवेटिव फंड से तत्काल 3 योजनाओं को शुरू किया जाएगा. इसमें मिथिला पेंटिंग किया हुआ मास्कों का निर्माण, मखाना का प्रशंसकरण और आंगनवाड़ी केंद्रों में वाल पेंटिंग कार्य शामिल हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जिले में भी रोजगार सृजन का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है ताकि प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जा सके.

मिथिला पेंटिग को दिया जाएगा व्यवसायिक रूप
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि दरभंगा जिला मखाना की खेती के लिए जाना जाता है. यहां उच्च क्वालिटी का मखाना उत्पादन होता है. इसीलिए जो प्रवासी मजदूर फुड प्रोसेसिंग, बेकरी या होटल मेनेजमेंट के व्यवसायों से जुड़े हुए थे. उनको मखाना प्रोसेसिंग उद्यम से जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिग भी यहां की परंपरागत और समृद्ध स्थानीय लोक चित्र कला है. इस चित्रकला को गारमेंट सेक्टर या फेस मास्क, बुटिक और परिधान पर उकेरकर और इसे व्यवसाय का रूप देकर रोजगार सृजन किया जाएगा. जो प्रवासी मजदूर टैलरिंग के रोजगार से जुड़े हुए थे उन्हें इस रोजगार से जोड़ा जा सकता है.

33 आंगवाड़ी केंद्रों का बाला पेंटिंग के लिए चयन
इसके अलावे डीएम डॉ. त्यागराजन ने दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि जिला उद्योग केंद्र इस काम के लिए प्रवासी कुशल मजदूरों की सूची तैयार करे और आगे की कार्रवाई के लिए जिला स्तरीय परामर्शदातृ समिति को भेजे. वहीं, इस मौके पर डीपीओ आईसीडीएस की ओर से बताया गया कि समाज कल्याण विभाग के निर्देशानुसार जिला के सभी 18 परियोजनाओं में कुल 33 आंगवाड़ी केंद्रों का चयन बाला पेंटिंग कार्य के लिए किया गया है. यह कार्य कुशल और अर्ध कुशल प्रवासी मजदूरों से करवाया जाएगा.

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