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दरभंगा: उद्घाटन के 7 महीनों में ही टपकने लगी LNMU परीक्षा भवन की छत, लगी थी 3 करोड़ की लागत - lnmu

उद्घाटन के महज 7 महीनों में छत टपकने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसकी भनक लगते ही ठेकेदार ने इसकी मरम्मत भी शुरु कर दी. हालांकि, पूर्व रजिस्ट्रार ने इस मामले में मिथिला विश्व विद्यालय प्रशासन से जांच कराने की मांग की है.

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Published : Jun 9, 2020, 11:10 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 7:15 PM IST

दरभंगाः ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय में 3 करोड़ की लागत से 22 कमरों का एक भव्य परीक्षा भवन बनाया गया. 10 दिसंबर 2019 को इसका उद्घाटन तात्कालीन कुलपति प्रो. एसके सिंह ने किया था. लेकिन उद्घाटन के महज 7 महीनों में ही बारिश में इस भवन की छत टपकने लगी है और उनमें कई दरारें पड़ गई हैं. जबकि उद्घाटन के 6 महीनों तक भवन का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ. परीक्षा विभाग इस भवन में अब तक शिफ्ट भी नहीं हुआ है.

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छत में पड़ी दरार

मामला सामने आने के बाद अब ठेकेदार ने आनन-फानन में इसकी मरम्मत शुरू कर दी है. ईटीवी भारत ने इस मामले की ऑन द स्पॉट पड़ताल की तो भवन में कई खामियां नज़र आई. पिछले एक महीना से इस भवन में बिहार राज्य बीएड प्रवेश परीक्षा का को-ऑर्डिनेशन कार्यालय चल रहा है.

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परीक्षा भवन का छत

को-ऑर्डिनेटर और विवि के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. अजीत कुमार सिंह ने बताया कि कहा कि विवि में भवन निर्माण विवि अभियंता की देखरेख में होता है. भवन महज महज सात महीने में ही खराब होना चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि इसका निर्माण सही तरीके से नहीं हुआ है. विवि प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

कार्यपालक अभियंता की सफाई
ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय के कार्यपालक अभियंता सोहन चौधरी ने स्वीकार किया कि छत पर जलजमाव के कारण पानी रिस रहा है और छत टपक रही है. उन्होंने भवन खराब होने के संबंध में अजीबोगरीब तर्क दिया. अभियंता ने कहा कि 6 महीनों तक भवन खाली था उसमें झाड़ू नहीं लगा और ना ही सफाई हुई इसलिए खराब हो रहा है. झाड़ू नहीं लगेगा तो भवन खराब हो जाएगा. करोड़ों की लागत से बने परीक्षा भवन के इस्तेमाल में लाए बिना ही इतनी जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाने पर कई सवाल उठने लगे हैं.

दरभंगाः ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय में 3 करोड़ की लागत से 22 कमरों का एक भव्य परीक्षा भवन बनाया गया. 10 दिसंबर 2019 को इसका उद्घाटन तात्कालीन कुलपति प्रो. एसके सिंह ने किया था. लेकिन उद्घाटन के महज 7 महीनों में ही बारिश में इस भवन की छत टपकने लगी है और उनमें कई दरारें पड़ गई हैं. जबकि उद्घाटन के 6 महीनों तक भवन का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ. परीक्षा विभाग इस भवन में अब तक शिफ्ट भी नहीं हुआ है.

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छत में पड़ी दरार

मामला सामने आने के बाद अब ठेकेदार ने आनन-फानन में इसकी मरम्मत शुरू कर दी है. ईटीवी भारत ने इस मामले की ऑन द स्पॉट पड़ताल की तो भवन में कई खामियां नज़र आई. पिछले एक महीना से इस भवन में बिहार राज्य बीएड प्रवेश परीक्षा का को-ऑर्डिनेशन कार्यालय चल रहा है.

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परीक्षा भवन का छत

को-ऑर्डिनेटर और विवि के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. अजीत कुमार सिंह ने बताया कि कहा कि विवि में भवन निर्माण विवि अभियंता की देखरेख में होता है. भवन महज महज सात महीने में ही खराब होना चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि इसका निर्माण सही तरीके से नहीं हुआ है. विवि प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

कार्यपालक अभियंता की सफाई
ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय के कार्यपालक अभियंता सोहन चौधरी ने स्वीकार किया कि छत पर जलजमाव के कारण पानी रिस रहा है और छत टपक रही है. उन्होंने भवन खराब होने के संबंध में अजीबोगरीब तर्क दिया. अभियंता ने कहा कि 6 महीनों तक भवन खाली था उसमें झाड़ू नहीं लगा और ना ही सफाई हुई इसलिए खराब हो रहा है. झाड़ू नहीं लगेगा तो भवन खराब हो जाएगा. करोड़ों की लागत से बने परीक्षा भवन के इस्तेमाल में लाए बिना ही इतनी जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाने पर कई सवाल उठने लगे हैं.

Last Updated : Jun 17, 2020, 7:15 PM IST
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