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खबर अच्छी है: 15 सितंबर से दरभंगा आयुर्वेद अस्पताल में शुरू होगी इमरजेंसी और ओपीडी सेवा

कई सालों से बंद पड़े कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय में अब लोगों का इलाज शुरू हो जाएगा. इसकी सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है. अस्पताल के स्थापना दिवस समारोह 15 सितंबर के दिन से इसका आगाज होने जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर....

प्राचार्य सह अधीक्षक
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Published : Sep 14, 2021, 2:21 PM IST

दरभंगाः राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय(Kameshwar Singh Ayurveda Hospital) का स्थापना दिवस समारोह 15 सितंबर को मनाया जाएगा. इस अवसर पर अस्पताल में वर्षो से बंद पड़ी इमरजेंसी और 8 विभागों की ओपीडी सेवा फिर से शुरू होगी. अस्पताल प्रशासन(hospital administration) की ओर से इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है.

ये भी पढ़ेंः 18 साल से बंद पड़े दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज में अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई, राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना

दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य सह आयुर्वेद अस्पताल के अधीक्षक वैद्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि 15 सितंबर को आयुर्वेद अस्पताल का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर अस्पताल में वर्षों से बंद पड़ी इमरजेंसी सेवा को माइनर रूप में बहाल किया जाएगा. साथ ही अस्पताल में चलने वाले 8 विभागों की ओपीडी सेवा भी फिर से बहाल की जाएगी.

'स्थापना दिवस के अवसर पर अस्पताल परिसर में एक समारोह का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर और नगर विधायक संजय सरावगी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे. इस अवसर पर कॉलेज और अस्पताल के पुराने शिक्षकों-चिकित्सकों और छात्रों का एक मिलन समारोह भी आयोजित किया जाएगा'- प्रो. दिनेश्वर प्रसाद, दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज

प्राचार्य ने कहा कि उनकी इच्छा है कि दरभंगा राज ने जिस उद्देश्य से आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की थी उसके तहत मिथिलांचल के लोगों को इसका लाभ मिले.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः बिहार का अनोखा विद्यालय: 1 स्कूल-1 पद- 2 शिक्षक, दोनों उठा रहे वेतन

बता दें कि हाल ही में बिहार सरकार ने 2004 से बंद पड़े दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज में अगले सत्र से पढ़ाई शुरू करने की अधिसूचना जारी की थी. इसके लिए अस्पताल में पर्याप्त शिक्षकों, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. आयुर्वेद अस्पताल में इमरजेंसी और ओपीडी सेवा की शुरुआत को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.

सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) से दोबारा नामांकन और कोर्स बहाल करने के लिए आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल को उसके मानकों के अनुसार बनाया जाना जरूरी है. इसी को लेकर सरकार और आयुर्वेद कॉलेज प्रशासन की ओर से ये कदम उठाए जा रहे हैं.

दरभंगाः राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय(Kameshwar Singh Ayurveda Hospital) का स्थापना दिवस समारोह 15 सितंबर को मनाया जाएगा. इस अवसर पर अस्पताल में वर्षो से बंद पड़ी इमरजेंसी और 8 विभागों की ओपीडी सेवा फिर से शुरू होगी. अस्पताल प्रशासन(hospital administration) की ओर से इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है.

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दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य सह आयुर्वेद अस्पताल के अधीक्षक वैद्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि 15 सितंबर को आयुर्वेद अस्पताल का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस अवसर पर अस्पताल में वर्षों से बंद पड़ी इमरजेंसी सेवा को माइनर रूप में बहाल किया जाएगा. साथ ही अस्पताल में चलने वाले 8 विभागों की ओपीडी सेवा भी फिर से बहाल की जाएगी.

'स्थापना दिवस के अवसर पर अस्पताल परिसर में एक समारोह का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर और नगर विधायक संजय सरावगी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे. इस अवसर पर कॉलेज और अस्पताल के पुराने शिक्षकों-चिकित्सकों और छात्रों का एक मिलन समारोह भी आयोजित किया जाएगा'- प्रो. दिनेश्वर प्रसाद, दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज

प्राचार्य ने कहा कि उनकी इच्छा है कि दरभंगा राज ने जिस उद्देश्य से आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की थी उसके तहत मिथिलांचल के लोगों को इसका लाभ मिले.

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बता दें कि हाल ही में बिहार सरकार ने 2004 से बंद पड़े दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज में अगले सत्र से पढ़ाई शुरू करने की अधिसूचना जारी की थी. इसके लिए अस्पताल में पर्याप्त शिक्षकों, चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. आयुर्वेद अस्पताल में इमरजेंसी और ओपीडी सेवा की शुरुआत को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.

सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) से दोबारा नामांकन और कोर्स बहाल करने के लिए आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल को उसके मानकों के अनुसार बनाया जाना जरूरी है. इसी को लेकर सरकार और आयुर्वेद कॉलेज प्रशासन की ओर से ये कदम उठाए जा रहे हैं.

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