दरभंगा: दो जिलों दरभंगा और समस्तीपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर पड़ने वाले पुल की स्थिति बेहद दायनीय है. लिहाजा, यहां से गुजरने वाले वाहनों पर हादसे का संकट बना रहता है. लोगों को आवागमन का कोई दूसरा रास्ता ना होने की वजह से मजबूरन इस पुल से गुजरना पड़ता है.
हायाघाट प्रखंड के सुरहाचटटी-हथौड़ी मुख्य मार्ग के नवटोल गांव स्थित पुल जर्जर हालत में पहुंच चुका है. इस पुल पर कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है. वहीं, गुजरौली-रमौली पंचायत के लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण अंग्रेजों के समय हुआ था. इसके बाद इसपर कोई काम नहीं किया गया है. इसे लोहे के पुल के नाम पर जानते हैं.
दरभंगा मुख्यालय से दूरी
दरभंगा मुख्यालय से महज 13 किलोमीटर दूर स्थित ये पुल पर नेपाल और बेगूसराय जीरो माइल के यात्रियों का आवागवन मुख्य रूप से होता है. बता दें कि 2016 मे जिला कनीय अभियंता ने इसपर वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी थी. लेकिन दूसरा कोई रास्ता नहीं होने के कारण लोगों को मजबूरन अपनी जान जोखिम मे डाल कर इसपर से गुजरना पड़ता है.
इन गांवों पर छाये काले बादल
लोहे की पुल से हथौड़ी, मोईन महुआ, कटराही, गुजरौली, रमौली और नवटोल आदि गांव के लोगों पर काले बादल छाये हैं क्योंकि ये पुल इन गांवों के लोगों को और दरभंगा जिला कार्यालय से जोड़ता है. ग्रामीणों के मुताबिक बरसात के दिनों में पुल में पानी भर जाता है. कभी भी हादसा हो सकता है, इस बात का डर सताता रहता है.