दरभंगा : महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय ने मिथिला क्षेत्र में मिली प्राचीन प्रतिमाओं के डॉक्युमेंटेशन का काम पूरा कर लिया है. शुक्रवार को संग्रहालय परिसर में इससे संबंधित दो ब्रोशर का लोकार्पण हुआ. पहला ब्रोशर 'सर्वे ऑफ अर्ली मेडिएबल मिथिला बाई दि महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा' है, जबकि दूसरा ब्रोशर 'मास्टर पीसेज ऑफ दि महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय दरभंगा' है. इन ब्रोशर का लोकार्पण ललित नारायण मिथिला विवि के प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. अयोध्यानाथ झा, बिहार विधान परिषद के परियोजना अधिकारी भैरव लाल दास और महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. शिवकुमार मिश्र ने किया.
'प्राचीन प्रतिमाओं की चोरी पर लगेगा विराम'
एलएनएमयू के प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. अयोध्यानाथ झा ने कहा कि संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने बहुत बड़ा काम किया है. अब मिथिला से प्राचीन प्रतिमाओं की चोरी की घटनाओं पर काफी हद तक विराम लगेगा, क्योंकि डॉक्यूमेंटेशन हो जाने से अंतरराष्ट्रीय तस्करों को इन प्रतिमाओं को विश्व बाजार में खपाना संभव नहीं होगा. वहीं बिहार विधान परिषद के परियोजना अधिकारी भैरव लाल दास ने कहा कि ऐसा ही डॉक्यूमेंटेशन राज्य के विभिन्न थानों में जब्त कर रखी गई मूर्तियों, सिक्कों और अन्य धरोहरों का भी होना चाहिए, ताकि लोक संस्कृति और इतिहास के अध्येताओं का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंटेशन के क्रम में गांवों के मंदिर परिसर, ब्रह्म स्थान, पेड़ों के नीचे रखी गई जीर्ण-शीर्ण प्रतिमाओं आदि को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए.
दुर्लभ प्रतिमाओं की होती रही है चोरी
महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने कहा कि मिथिला क्षेत्र के वैशाली जिले से लेकर मधेपुरा जिले तक से मिली करीब सवा सौ प्रतिमाओं का डॉक्युमेंटेशन इन ब्रोशर में किया गया है. इनमें से अधिकतर प्रतिमाएं हाल के दिनों में विभिन्न स्थानों पर किए जा रहे सड़क निर्माण के लिए मिट्टी की खुदाई के दौरान मिली हैं. उन्होंने कहा कि मिथिला क्षेत्र से दुर्लभ प्रतिमाओं की चोरी होती रही है. डॉक्यूमेंटेशन न होने की वजह से हम कोई दावा नहीं कर सकते थे, लेकिन अब यह संभव होगा. उन्होंने कहा कि मिथिला की कला और इसके इतिहास के अध्येताओं के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगी. वहीं इस कार्यक्रम में डॉ. अवनींद्र कुमार झा, गणपति नाथ झा वैद्यजी, डॉ. अशोक कुमार सिन्हा, नुपूर दत्ता, डॉ. सुशांत कुमार और चंद्र प्रकाश समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे.