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दरभंगाः DM ने टीकाकरण को लेकर की बैठक, ग्रामीण क्षेत्रों के प्रभावशाली लोगों को जोड़ने का निर्देश

डीएम ने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में वहां के जन प्रतिनिधि एवं प्रभावशाली व्यक्तियों के माध्यम से लोगों को टीका लेने के लिए प्रोत्साहित करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर टीकाकरण एक्सप्रेस को जाना है. वहां एक दिन पहले ही लोगों के बीच इसकी सूचना पहुंचा दी जाए.

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Published : May 27, 2021, 8:00 PM IST

दरभंगा: डीएम डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में कोरोना टीकाकरण की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की गई. बैठक में उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों में वहां के जन प्रतिनिधि एवं प्रभावशाली व्यक्तियों के माध्यम से लोगों को टीका लेने के लिए प्रोत्साहित करवाने के निर्देश दिए.

ये भी पढ़ेंः Lockdown in Bihar: अनलॉक की ओर बढ़ रहा बिहार? आंकडे़ तो यही बता रहे हैं

वहीं, उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर टीकाकरण एक्सप्रेस को जाना है. वहां एक दिन पहले लोगों के बीच सूचना रहे कि वहां कितने बजे से टीकाकरण किया जाएगा. एक वाहन कई गांवों में भ्रमण कर सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए मतदाता सूची से भी सहायता ली जा सकती है.

उन्होंने यास चक्रवात के मद्देनजर सभी कोविड केयर सेंटर में पर्याप्त संख्या में जनरेटर रखने के निर्देश दिए गए, ताकि किसी मरीज का इलाज बाधित न हो सके. उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कोविड केयर सेंटर को छोड़कर शेष कोविड केयर सेंटर के चिकित्सककों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी जाए तथा सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 28 मई से पूर्णतः चालू कर दिया जाए. वहां मरीजों को परेशानी हो रही है. उन्होंने सिविल सर्जन को स्वयं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भ्रमण कर इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.

लोगों को किया जाए प्रोत्साहित
डीएम ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बीडीओ जीविका एवं आईसीडीएस को सम्मिलित करें. प्रखंड विकास पदाधिकारी अपनी बैठक में बीपीएम एवं सीडीपीओ को भी बुलावें. टीका लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जीविका दीदी एवं सेविका व सहायिका के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहित किया जाए. जीविका दीदी पहले खुद टीका ले लें और अपने क्षेत्र के सभी लोगों को प्रोत्साहित करें. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को कहा कि ऐसे गांव को पहले चिन्हित करें जहां 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों की संख्या अधिक है.

तीन एएनएम को तत्काल किया गया निलंबित
उन्होंने हीट कोविड एप्प में गलत रिपोर्ट अपलोड करने वाली 3 एएनएम को तत्काल निलंबित करने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई है उन्हें 4-4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. इसके लिए सरकारी या निजी अस्पताल से कोरोना जांच में पाए गए पॉजिटिव रिपोर्ट चाहे वह आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट का हो, की जांच प्रतिवेदन मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ संलग्न करना होगा.

इन्हें माना जाएगा कोरोना मृतक
जिस स्थान पर मरीज की मृत्यु हुई है, मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से मिलेगा. नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम से तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए मृत्यु से 21 दिन तक सेविका से 21 से 31 दिन के बीच पंचायत सचिव और एक महीना से 1 साल के बीच प्रखंड के कनीय सांख्यिकी पर्यवेक्षक देंगे. अस्पतालों के मृत्यु प्रमाण पत्र भी मान्य होंगे. होम आइसोलेशन में मृत्यु के मामले में पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 10 दिनों के अंदर मरने वाले को ही कोरोना से मृतक माना जाएगा.

वहीं, जिलाधिकारी ने कहा कि चमकी बुखार को लेकर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत दिए गए वाहनों को पंचायत वार टैग किया गया है. उन्होंने सभी बीडीओ को सभी वाहन मालिकों के साथ बैठक कर लेने का निर्देश दिया. ताकि जब भी उन्हें कॉल जाए, उन्हें तुरंत मरीज को ले जाना होगा. क्योंकि, चमकी बुखार में एक घंटा का ही समय रहता है, इसके बाद बच्चे की हालत नियंत्रण से बाहर हो जाती है. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे पहले उपचार होना चाहिए। वहां गुलकोज, सोडियम पोटैशियम देने की आवश्यकता पड़ती है.

दरभंगा: डीएम डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में कोरोना टीकाकरण की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की गई. बैठक में उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों में वहां के जन प्रतिनिधि एवं प्रभावशाली व्यक्तियों के माध्यम से लोगों को टीका लेने के लिए प्रोत्साहित करवाने के निर्देश दिए.

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वहीं, उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर टीकाकरण एक्सप्रेस को जाना है. वहां एक दिन पहले लोगों के बीच सूचना रहे कि वहां कितने बजे से टीकाकरण किया जाएगा. एक वाहन कई गांवों में भ्रमण कर सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए मतदाता सूची से भी सहायता ली जा सकती है.

उन्होंने यास चक्रवात के मद्देनजर सभी कोविड केयर सेंटर में पर्याप्त संख्या में जनरेटर रखने के निर्देश दिए गए, ताकि किसी मरीज का इलाज बाधित न हो सके. उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कोविड केयर सेंटर को छोड़कर शेष कोविड केयर सेंटर के चिकित्सककों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी जाए तथा सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 28 मई से पूर्णतः चालू कर दिया जाए. वहां मरीजों को परेशानी हो रही है. उन्होंने सिविल सर्जन को स्वयं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भ्रमण कर इसे सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया.

लोगों को किया जाए प्रोत्साहित
डीएम ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बीडीओ जीविका एवं आईसीडीएस को सम्मिलित करें. प्रखंड विकास पदाधिकारी अपनी बैठक में बीपीएम एवं सीडीपीओ को भी बुलावें. टीका लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जीविका दीदी एवं सेविका व सहायिका के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहित किया जाए. जीविका दीदी पहले खुद टीका ले लें और अपने क्षेत्र के सभी लोगों को प्रोत्साहित करें. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को कहा कि ऐसे गांव को पहले चिन्हित करें जहां 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों की संख्या अधिक है.

तीन एएनएम को तत्काल किया गया निलंबित
उन्होंने हीट कोविड एप्प में गलत रिपोर्ट अपलोड करने वाली 3 एएनएम को तत्काल निलंबित करने के निर्देश सिविल सर्जन को दिए. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई है उन्हें 4-4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. इसके लिए सरकारी या निजी अस्पताल से कोरोना जांच में पाए गए पॉजिटिव रिपोर्ट चाहे वह आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट का हो, की जांच प्रतिवेदन मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ संलग्न करना होगा.

इन्हें माना जाएगा कोरोना मृतक
जिस स्थान पर मरीज की मृत्यु हुई है, मृत्यु प्रमाण पत्र वहीं से मिलेगा. नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम से तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए मृत्यु से 21 दिन तक सेविका से 21 से 31 दिन के बीच पंचायत सचिव और एक महीना से 1 साल के बीच प्रखंड के कनीय सांख्यिकी पर्यवेक्षक देंगे. अस्पतालों के मृत्यु प्रमाण पत्र भी मान्य होंगे. होम आइसोलेशन में मृत्यु के मामले में पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 10 दिनों के अंदर मरने वाले को ही कोरोना से मृतक माना जाएगा.

वहीं, जिलाधिकारी ने कहा कि चमकी बुखार को लेकर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत दिए गए वाहनों को पंचायत वार टैग किया गया है. उन्होंने सभी बीडीओ को सभी वाहन मालिकों के साथ बैठक कर लेने का निर्देश दिया. ताकि जब भी उन्हें कॉल जाए, उन्हें तुरंत मरीज को ले जाना होगा. क्योंकि, चमकी बुखार में एक घंटा का ही समय रहता है, इसके बाद बच्चे की हालत नियंत्रण से बाहर हो जाती है. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे पहले उपचार होना चाहिए। वहां गुलकोज, सोडियम पोटैशियम देने की आवश्यकता पड़ती है.

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