दरभंगा: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है. घरों में रहने के साथ-साथ लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील की जा रही है. लेकिन, लॉकडाउन के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों को सामने खाने-पीने का संकट आ गया है. इस दौरान सरकार ने सभी राशनकार्ड धारियों को अतिरिक्त अनाज के साथ 1 हजार रुपए देने की घोषणा की है. लेकिन, जिले के जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलता नहीं दिख रहा है.
सरकारी दावे धरातल पर फेल हैं. अभी तक हर जरूरतमंद लोगों तक राशन और मदद की राशि नहीं पहुंच पाई है. जिस कारण मजबूर होकर कुछ लोग अभी भी अपने परिवार का पेट भरने के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं. अधिक परेशानी शारीरिक रूप से दिव्यांग लोगों को झेलनी पड़ रही है. वे तीन पहिया रिक्शा पर घूम-घूमकर लोगों के चप्पल-जूते की मरम्मती का काम करते नजर आ रहे हैं.
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लॉकडाउन के कारण बढ़ी परेशानी
दरअसल, बहादुरपुर प्रखंड के कबीरचक गांव का दिव्यांग मोची गोपाल राम लॉकडाउन से पहले सड़क किनारे जूता-चप्पल सीने का काम करता था. लेकिन, जब से देश में लॉकडाउन हुआ है, तब से उसकी परेशानी बढ़ गई है. वह अपनी तीन पहिया रिक्शा पर घूम-घूम कर जूता-चप्पल की मरम्मती का काम कर रहा है. उनका कहना है कि अगर वे ऐसे नहीं करेंगे तो उनका परिवार भूखा मर जाएगा.
सभी जरूरतमंद लोगों को मिलेगा अनाज
सरकारी दावे फेल की खबर पर दरभंगा जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए हर प्रकार के तैयारी चल रही है. कुछ जगहों पर अनाज का वितरण शुरू हो गया है और बाकी जगहों पर एक-दो दिन में अनाज का वितरण शुरू हो जाएगा. वहीं, उन्होने कहा कि अनाज वितरण पारदर्शी तरीके से हो, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.