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DM कार्यालय के सामने आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, मानदेय की मांग

आशा कार्यकर्ता संघ के जिला संरक्षक देवेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार समझौता वार्ता को लागू करने में आनाकानी कर रही है. इसलिए हम आंदोलन के माध्यम से सरकार मांग करते है कि बकाया भुगतान अविलंब लागू करे. नहीं तो आशा कर्मी एकजुट होकर संघर्ष को तेज कर 17 मार्च को विधानसभा का ऐतिहासिक घेराव करेंगी.

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Published : Feb 27, 2020, 7:44 PM IST

DM कार्यालय के सामने आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
DM कार्यालय के सामने आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

दरभंगा: जिले में दर्जनों आशा कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लहेरियासराय रेलवे स्टेशन पर मार्च निकाला. इस दौरान कर्मियों ने डीएम के आवास पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की अिील की. बता दें कि आशा संयुक्त संघर्ष मंच के राज्यव्यापी आह्वान पारितोषिक नहीं मानदेय देने, 38 दिनों के हड़ताल में हुए समझौता वार्ता, 17 अगस्त 2019 को लागू करने, प्रखंड स्तर पर आशा के दोहन शोषण बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर दर्जनों आशा ने प्रदर्शन किया.

मानदेय नहीं मिलने तक संघर्ष रहेगा जारी
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही संयोगिता देवी ने कहा कि पिछले साल 38 दिनों तक हम लोग हड़ताल किए थे. जिसके बाद सरकार ने हमारे साथ वार्ता कर हमारी हड़ताल को खत्म कराया था. वार्ता में कहा गया था कि आशा कर्मियों को एक हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा. लेकिन आज तक हम इसके इंतजार में हैं, अभी तक हमें कुछ नहीं मिला है. इसके बाद कहा गया कि आशा कर्मियों का मानदेय डबल कर दिया गया है. लेकिन आज तक हमे इसका लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से हम सरकार से मांग करते हैं कि हम लोगों को जल्द से जल्द मानदेय मिले.

DM कार्यालय के सामने आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

मांग पूरी नहीं होने पर 17 मार्च को विधानसभा का होगा घेराव
आशा कार्यकर्ता संघ के जिला संरक्षक देवेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार समझौता वार्ता को लागू करने में आनाकानी कर रही है. इसलिए हम आंदोलन के माध्यम से सरकार मांग करते है कि बकाया भुगतान अविलंब लागू करे. नहीं तो आशा कर्मी एकजुट होकर संघर्ष को तेज कर 17 मार्च को विधानसभा का ऐतिहासिक घेराव करेंगी.

दरभंगा: जिले में दर्जनों आशा कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लहेरियासराय रेलवे स्टेशन पर मार्च निकाला. इस दौरान कर्मियों ने डीएम के आवास पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की अिील की. बता दें कि आशा संयुक्त संघर्ष मंच के राज्यव्यापी आह्वान पारितोषिक नहीं मानदेय देने, 38 दिनों के हड़ताल में हुए समझौता वार्ता, 17 अगस्त 2019 को लागू करने, प्रखंड स्तर पर आशा के दोहन शोषण बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर दर्जनों आशा ने प्रदर्शन किया.

मानदेय नहीं मिलने तक संघर्ष रहेगा जारी
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही संयोगिता देवी ने कहा कि पिछले साल 38 दिनों तक हम लोग हड़ताल किए थे. जिसके बाद सरकार ने हमारे साथ वार्ता कर हमारी हड़ताल को खत्म कराया था. वार्ता में कहा गया था कि आशा कर्मियों को एक हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा. लेकिन आज तक हम इसके इंतजार में हैं, अभी तक हमें कुछ नहीं मिला है. इसके बाद कहा गया कि आशा कर्मियों का मानदेय डबल कर दिया गया है. लेकिन आज तक हमे इसका लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से हम सरकार से मांग करते हैं कि हम लोगों को जल्द से जल्द मानदेय मिले.

DM कार्यालय के सामने आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

मांग पूरी नहीं होने पर 17 मार्च को विधानसभा का होगा घेराव
आशा कार्यकर्ता संघ के जिला संरक्षक देवेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार समझौता वार्ता को लागू करने में आनाकानी कर रही है. इसलिए हम आंदोलन के माध्यम से सरकार मांग करते है कि बकाया भुगतान अविलंब लागू करे. नहीं तो आशा कर्मी एकजुट होकर संघर्ष को तेज कर 17 मार्च को विधानसभा का ऐतिहासिक घेराव करेंगी.

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