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दरभंगा: उफनती बागमती ने कई पंचायतों को अपनी चपेट में लिया, लोग घर छोड़ने को मजबूर - बिहार

राज्य में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लाखों परिवारों को बेघर कर दिया है. हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं.

सड़क मार्ग बाधित
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Published : Jul 19, 2019, 5:57 PM IST

दरभंगा: जिले में बागमती नदी उफान पर है. इससे केवटी प्रखंड के करीब आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. बढ़ते जलस्तर के कारण कोठिया और असराहा मुख्य सड़क मार्ग पर आवागमन भी बाधित हो गया है. बागमती नदी के उफान पर होने की वजह से करीब एक लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

प्रशासन की देरी ने बरपाया कहर
बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने बागमती नदी के तटबंध पर मिट्टी डाला होता, तो बाढ़ का पानी गांव के अंदर नहीं आता. आपको बता दें कि केवटी प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत बाढ़ प्रभावित है. जिसमें असराहा, जलवारा, बरियौल और शेखपुरदानी जैसे पंचायत हैं.

बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

चलाया जा रहा राहत कार्य
बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है. भोजन के लिये आठ सामुदायिक किचेन शेड का निर्माण किया गया है. जिसमें उन्हें भोजन कराया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन मुस्तैदी के साथ बाढ़ सहायता कार्य में जुटी दिख रही है.

बाढ़ से बिहार में मचा हाहाकार
राज्य में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लाखों परिवारों को बेघर कर दिया है. हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं. सूबे के 12 जिले बाढ़ से त्रस्त हैं. अब तक कुल 73 लोगों की बाढ़ में डूबने से मौत हो चुकी है.

दरभंगा: जिले में बागमती नदी उफान पर है. इससे केवटी प्रखंड के करीब आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. बढ़ते जलस्तर के कारण कोठिया और असराहा मुख्य सड़क मार्ग पर आवागमन भी बाधित हो गया है. बागमती नदी के उफान पर होने की वजह से करीब एक लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

प्रशासन की देरी ने बरपाया कहर
बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने बागमती नदी के तटबंध पर मिट्टी डाला होता, तो बाढ़ का पानी गांव के अंदर नहीं आता. आपको बता दें कि केवटी प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत बाढ़ प्रभावित है. जिसमें असराहा, जलवारा, बरियौल और शेखपुरदानी जैसे पंचायत हैं.

बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

चलाया जा रहा राहत कार्य
बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है. भोजन के लिये आठ सामुदायिक किचेन शेड का निर्माण किया गया है. जिसमें उन्हें भोजन कराया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन मुस्तैदी के साथ बाढ़ सहायता कार्य में जुटी दिख रही है.

बाढ़ से बिहार में मचा हाहाकार
राज्य में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लाखों परिवारों को बेघर कर दिया है. हालात अभी भी जस के तस बने हुए हैं. सूबे के 12 जिले बाढ़ से त्रस्त हैं. अब तक कुल 73 लोगों की बाढ़ में डूबने से मौत हो चुकी है.

Intro:
केवटी :-प्रखंड के गोपालपुर गाँव के समीप अधवारा समूह के बागमती नदी के का पानी कई जगहों पर तटबंध के ऊपर से बहाव होने से आधा दर्जन पंचायत मे बाढ आ गयी है वहीं मुहम्मदपुर कोठिया मुख्य सड़क मार्ग ,असराहा जेठियाही मुख्य सड़क मार्ग पर पानी का बहाव होने से आवागमन बाधित हो गया है। Body: उफनायी नदी :-बागमती नदी के उफनाये जाने से प्रखंड के कोठिया पिण्डारूच शेखपुरदानी जलवारा असराहा बरियौल पंचायत मे बाढ आ गयी है बाढ खेत चौर मे पहुँचने के बाद धरो मे पहुँच गयी है जिससे करीब एक लाख की आबादी प्रभावित हो गयी है बाढ पीड़ितो को भोजन के लिये आठ सामुदायिक किचेन शेड बनाया गया है जिसमें उन्हें भोजन कराया जा रहा है बरियौल हरिजन कालोनी बाढ से धिर गया है स्थानीय प्रशासन मुस्तैदी के साथ बाढ सहायता कार्य मे जुट गयीConclusion:प्रशासन की उदासीनता के कारण बागमती नदी का तटबंध पर मिट्टी समय रहते पड़ गया होता तो बाढ का पानी नहीं आता प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत मे पूर्ण बाढ प्रभावित है तो खिरमा लदारी आदि पंचायत मे आंशिक है बाइट 1 कोठिया पंचायत कि मुखिया परवीना खातुन 2सामाजिक कार्य कर्ता मो औवेद विजय कुमार गुप्ता संवाददाता ईटीवी भारत केवटी दरभंगा
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