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दरभंगाः नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि, प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गावों का टूटा संपर्क

कुशेश्वरस्थान के सीओ त्रिवेणी प्रसाद ने बताया कि सड़क के ऊपर से पानी बहने के कारण कई गांवों में सड़क मार्ग बाधित हो गए हैं. ऐसे इलाकों में नाव उपलब्ध कराई जा रही है.

दरभंगा
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Published : Jul 2, 2020, 5:47 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 10:17 PM IST

दरभंगा: कमला नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशेश्वरस्थान और घनश्यामपुर प्रखंड के कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. अचानक बाढ़ का पानी आने से सैकड़ो एकड़ में लगी धान और मूंग की फसल पूरी तरह डूब गई. बाढ़ के पानी ने कई गांवों को टापू बना दिया है. कुछ गांव की सड़को पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो यह पानी तबाही का रूप ले लेगा.

दरभंगा
इलाके में है नाव का सहारा

दर्जनों परिवार झेलते है बाढ़ की विभीषिका
बता दें कि कमाल पश्चिमी और पूर्वी तटबंध निर्माण के बाद से चौकिया, विशुनिया पोखर और लक्ष्मीनियां मुसहरी सहित दर्जनों गांव तटबंध के गर्भ से बसा है. यहां हर साल दर्जनों परिवारों को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है. जैसे ही कोसी, कमला बलान और करेह नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होती है, वैसे ही निचले इलाके में बाढ़ तांडव मचना शुरू कर देती है. ऐसे में लोगों को मजबूरन तटबंध पर आशियाना बनाकर रहना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

नाव के सहारे चल रहा जीवन
बाढ़ आने के बाद से इलाके के लोगों का जीवन पूरी तरह नाव पर निर्भर हो जाता है. बाजार जाना हो या किसी को अस्पताल पहुंचाना हो, लोग नाव का ही सहारा लेते हैं.

वहीं कुशेश्वरस्थान के अंचाधिकारी त्रिवेणी प्रसाद ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि होने के कारण इटहर पंचायत के चौकिया और लक्ष्मिनिया सहित अन्य गांव के लोगों आने-जाने में परेशानी हो रही है. इन जगहों पर नाव मुहैया कराया जा रहा है.

दरभंगा: कमला नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशेश्वरस्थान और घनश्यामपुर प्रखंड के कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. अचानक बाढ़ का पानी आने से सैकड़ो एकड़ में लगी धान और मूंग की फसल पूरी तरह डूब गई. बाढ़ के पानी ने कई गांवों को टापू बना दिया है. कुछ गांव की सड़को पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो यह पानी तबाही का रूप ले लेगा.

दरभंगा
इलाके में है नाव का सहारा

दर्जनों परिवार झेलते है बाढ़ की विभीषिका
बता दें कि कमाल पश्चिमी और पूर्वी तटबंध निर्माण के बाद से चौकिया, विशुनिया पोखर और लक्ष्मीनियां मुसहरी सहित दर्जनों गांव तटबंध के गर्भ से बसा है. यहां हर साल दर्जनों परिवारों को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है. जैसे ही कोसी, कमला बलान और करेह नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होती है, वैसे ही निचले इलाके में बाढ़ तांडव मचना शुरू कर देती है. ऐसे में लोगों को मजबूरन तटबंध पर आशियाना बनाकर रहना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

नाव के सहारे चल रहा जीवन
बाढ़ आने के बाद से इलाके के लोगों का जीवन पूरी तरह नाव पर निर्भर हो जाता है. बाजार जाना हो या किसी को अस्पताल पहुंचाना हो, लोग नाव का ही सहारा लेते हैं.

वहीं कुशेश्वरस्थान के अंचाधिकारी त्रिवेणी प्रसाद ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि होने के कारण इटहर पंचायत के चौकिया और लक्ष्मिनिया सहित अन्य गांव के लोगों आने-जाने में परेशानी हो रही है. इन जगहों पर नाव मुहैया कराया जा रहा है.

Last Updated : Jul 10, 2020, 10:17 PM IST
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