दरभंगा: देश में जारी लाॉकडाउन के बीच भाकपा माले ने सरकार की नीतियों को लेकर धरना दिया. इस दिन को कार्यकर्ताओं ने धरना प्रतिरोध दिवस के रूप में मनाया. कार्यकर्ताओं ने बहादुरपुर प्रखंड के रामनगर, उसमामथ और मनियारी में ये प्रदर्शन किया.
बहादुरपुर प्रखंड कार्यालय में आयोजित धरने का नेतृत्व भाकपा(माले) राज्य कमेटी के सदस्य अभिषेक कुमार, खेग्रामस प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी पासवान, किसुन पासवान और रामनंदन साह ने किया. इस मौके पर प्रखंड सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की 20 लाख करोड़ की राहत पैकेज एक धोखे के अलावे कुछ नहीं है. इसमें लॉकडाउन के दौरान संकट झेल रहे गरीबों, किसानों, प्रवासी मजदूरों, छात्रों और नौजवानों के लिए कुछ भी नहीं है.
'सरकार ने किया नजरअंदाज'
अभिषेक कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने न्यायसंगत मांगों को नजरअंदाज किया गया है. लॉकडाउन भत्ता 10 हजार रुपये देकर और मनरेगा में 200 दिन काम और 500 रुपये मजदूरी देकर लोगों के क्रयशक्ति को बढ़ाया जा सकता है, जिससे बाजारों में मांग बढ़ती और इससे अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकती थी, लेकिन सरकार इससे भाग रही है.
खेग्रामस उपाध्यक्ष ने दी जानकारी
वहीं, इस मौके पर खेग्रामस के प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी पासवान ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर यातनागृह से कम नहीं है. कई केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. इस दौरान किशुन पासवान, अरुण कमिति, अशर्फी यादव, रंजीत सहनी, विनोद पासवान आदि ने भी लोगों को संबोधित किया.