दरभंगा: जिले में बाढ़ पीड़ितों की मांगों को लेकर भाकपा(माले) की जिला कमिटी के आह्वान पर जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय पर मानव श्रृंखला कार्यक्रम आयोजित किया गया. वहीं, जिला मुख्यालय पर आयुक्त कार्यालय से लहेरियासराय टावर तक मानव श्रृंखला बनायी गयी. जिसमें बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ितों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सम्पूर्ण जिले को बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित किया जाए. सभी बाढ़ पीड़ितों को 25 हजार मुआवजा देने और बाढ़ का स्थायी निदान करने की मांग की गई. इसके साथ ही बांध मरम्मती में लापरवाही बरतने वाले अधिकरी पर कार्रवाई करने की मांग है.
लोकतंत्र का किया गया अपमान
भाकपा (माले) के जिला सचिव वैद्यनाथ यादव ने कहा कि पूरा दरभंगा बाढ़ की चपेट में है, लेकिन सम्पूर्ण जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित करने में जिला प्रशासन लापरवाही बरत रहा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी आपदा के समय सत्ता पक्ष और विपक्ष की राय मशविरा के लिए जिला अनुश्रवण समिति की बैठक होती रही है. जिसमें प्रभारी मंत्री उपस्थिति रहते हैं. इस बार जिलाधिकारी ने अभी तक अनुश्रवण समिति की बैठक नहीं बुलाकर लोकतंत्र का अपमान किया है. जिसको जिले के न्याय पसंद लोग और बाढ़ पीड़ित कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसलिए हम मांग करते हैं कि जिलाधिकारी जल्द से जल्द जिला अनुश्रवण समिति की बैठक बुलाएं.
मांग पूरी नहीं होने पर होगा उग्र आंदोलन
वहीं, भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता आरके सहनी ने कहा कि जिले में हर साल बाढ़ आती है, लेकिन सरकार इसके स्थायी निदान के प्रति उदासीन है. बाढ़ राहत सामाग्री पीड़ितों तक नहीं पहुंचती है. राहत देने के नाम पर लूट चलती है. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत के नाम पर 6 हजार की राशि से काम नहीं चलेगा. अविलंब सभी बाढ़ पीड़ितों के खाते में 25 हजार डाला जाए. माले नेता ने कहा कि अगर बाढ़ से प्रभावित लोग राहत की मांग करते हैं तो उनपर झूठा मुकदमा दर्ज किया जाता है. जोकि साफ-साफ लोकतंत्र का हनन हो रहा है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि सम्पूर्ण जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित किया जाय, नहीं तो आंदोलन और उग्र होगा.