दरभंगा : नगर निगम के 48 में से 24 पार्षदों ने महापौर बैजंती देवी खेड़िया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पत्र जारी किया है. इसके बाद नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाए जाने और वोटिंग को लेकर महापौर से आग्रह किया है. वहीं अब अगले 15 दिनों के भीतर बैठक बुलाई जानी है. जिसमें महापौर की कुर्सी पर फैसला होगा.
इस अवधि में नगर निगम की कोई दूसरी बैठक या कोई भी अन्य नया प्रस्ताव मंजूर नहीं होगा. अविश्वास प्रस्ताव लगाए जाने के बाद नगर निगम के भीतरी राजनीति गर्म हो गई है. वहीं दोनों पक्ष बहुमत के जुगाड़ में जुट गए हैं. महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगाने वाले पार्षदों में से एक वार्ड संख्या 21 की पार्षद मधुबाला सिन्हा ने कहा कि 48 में से 24 पार्षदों ने महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है.
'महापौर का कार्यशैली अव्यहारिक'
मधुबाला सिन्हा ने महापौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर बैजंती देवी खेड़िया मनमाने तरीके से काम करती हैं. वे पार्षदों को विश्वास में लिए बिना अपनी मर्जी से फैसले करती हैं. उन्होंने कहा कि शहर में कोरोना और बाढ़ जैसी भीषण आपदा में भी महापौर लोगों का हालचाल पूछने नहीं गईं.
'तानाशाही कार्यशैली से हुए आजिज'
पार्षद मधुबाला सिन्हा ने महापौर के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए आगे कहा कि शहर में कोरोना संक्रमण से 11 लोगों की मौत होने के बावजूद महापौर किसी भी मृतक के परिजन से मिलकर सांत्वना तक देने नहीं गईं. उन्होंने कहा कि महापौर के तानाशाही कार्य से आजिज आकर हम लोगों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लााया है.
'नियमानुसार होगी कार्रवाई'
वहीं मामले में नगर आयुक्त घमश्याम मीणा ने कहा कि महापौर के खिलाफ 24 पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पत्र मिलने के बाद मैनें नियमानुसार महापौर को इसकी जानकारी दी. साथ ही उनसे इसे लेकर बैठक बुलाकर वोटिंग कराने का आग्रह किया है. जिसके अनुसार अगले 15 दिनों के भीतर बैठक बुलानी होगी. वहीं इस दौरान नगर निगम में कोई दूसरी बैठक या विकास के किसी नए प्रस्ताव पर विचार नहीं होगा.