दरभंगा: कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Kusheshwarsthan By-Election) को लेकर महागठबंधन (Mahaagathabandhan) में कांग्रेस (Congress) और राजद (RJD) के बीच रार ठनती नजर आ रही है. इसी वजह से महागठबंधन में इस सीट पर अब तक उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है. उधर, कांग्रेस नेता आनंद माधव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पर्यवेक्षक दल शुक्रवार को कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और जीत-हार के समीकरणों का जायजा लिया.
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पांच सदस्यीय पर्यवेक्षक दल में कांग्रेस नेता आनंद माधव, कपिलदेव प्रसाद यादव, आईपी गुप्ता, नागमणि और अजय पासवान शामिल हैं. पर्यवेक्षक दल विधानसभा क्षेत्र में हार जीत का जायजा लेने के बाद शाम में कुशेश्वरस्थान के प्रसिद्ध शिवमंदिर में पूजा-अर्चना की और आरती में शामिल हुए. इस मौके पर पर्यवेक्षक आनंद माधव ने बिरौल, कुशेश्वरस्थान और कुशेश्वरस्थान पूर्वी समेत तीन प्रखंडों के कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. कुशेश्वरस्थान उनकी परंपरागत सीट रही है.
उन्होंने कहा कि पिछली बार मामूली वोट के अंतर से वे लोग चुनाव हार गए थे क्योंकि अपने ही लोगों ने पीठ में छुरा भोंक दिया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि जीत-हार तो लगी रहती है, लेकिन कुशेश्वरस्थान उनकी सबसे मजबूत सीटों में से एक है और इस बार यहां से वे बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे. राजद की इस सीट पर दावेदारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सीट उनकी है और इसलिए इस सीट पर चुनाव लड़ने का हक उनका बनता है.
उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी और महागठबंधन को लेना है, लेकिन वे चाहेंगे कि इस सीट पर हर हाल में कांग्रेस ही लड़े. इस मौके पर पर्यवेक्षक दल के साथ प्रखंड अध्यक्ष पलटन मुखिया, राम भजन यादव, पूर्व अध्यक्ष राम नारायण यादव, मोहम्मद मुजीब और सच्चिदानंद चौधरी समेत पार्टी के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे. गौरतलब है कि कुशेश्वरस्थान सीट विधायक शशिभूषण हजारी के निधन की वजह से खाली हुई है. वे जदयू से यहां के विधायक थे. एनडीए की ओर से जदयू ने दिवंगत विधायक शशिभूषण हजारी के बेटे को टिकट दिया है.
महागठबंधन की ओर से इस सीट पर पिछली बार कांग्रेस के अशोक राम ने चुनाव लडा था. यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट जरूर मानी जाती है, लेकिन पिछले कई चुनावों से कांग्रेस को लगातार यहां से हार का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से राजद ने इस सीट पर अपना दावा ठोक दिया है. इसी वजह से चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद तक महागठबंधन इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं तय कर पाया है.
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