दरभंगा: कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त मास्क वितरित करने का निर्देश दिया है. इसके तहत जीविका दीदियों की तरफ से बड़ी संख्या में मास्क बनाए जा रहे हैं और ग्राम पंचायतों के माध्यम से लोगों को बांटे जा रहे हैं. लेकिन इन मास्क की क्वालिटी घटिया होने की शिकायतें मिल रही है.
ये भी पढ़ें...कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए बांका की सभी सीमा सील
अच्छी क्वालिटी का मास्क की मांग
दरभंगा सदर प्रखंड के सारा मोहम्मदपुर और शीशो पश्चिमी पंचायत के कई लोगों ने मास्क की क्वालिटी खराब होने की शिकायत की. सारा मोहम्मदपुर पंचायत के केशव कुमार ने कहा कि यह मास्क एक दिन भी नहीं चल रहा है. इसका फीता टूट रहा है और इसमें से कपड़े का रंग निकल कर चेहरे पर लग रहा है. उन्होंने सरकार से अच्छी क्वालिटी का मास्क उपलब्ध कराने की मांग की.
ये भी पढ़ें...लालू की बेटी रोहिणी आचार्य का ट्विटर अकाउंट लॉक, Twitter ने मेल कर दी जानकारी
'बिहार सरकार की ओर से जो मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है उसका फीता टूट जाता है. साथ ही यह काफी टाइट है जिसकी वजह से कान में दर्द होता है. इसके अलावा इसमें से रंग निकलता है जो हाथों और चेहरे पर चिपकता है'.-मोहम्मद लालपुर, स्थानीय
'सरकार का निर्देश है कि जीविका की ओर से उपलब्ध कराए जाए जा रहे मास्क को ग्रामीणों के बीच वितरित करना है. जीविका दीदियों की ओर से बनाए जा रहे मास्क की क्वालिटी अच्छी नहीं है. लोग लगातार शिकायतें लेकर आ रहे हैं कि मास्क का फीता टूट रहा है और इसका कपड़ा खराब है, जिसमें से कलर निकल रहा है. सरकार से यह मांग है कि संकट के इस समय में आपदा को अवसर में न बदला जाए. बल्कि सरकार की ओर से निर्धारित दर पर अच्छी क्वालिटी का मास्क लोगों को उपलब्ध कराया जाए. जीविका से मास्क लेने की अनिवार्यता खत्म की जाए और जहां से भी अच्छी क्वालिटी का मास्क मिले वहां से खरीदने की अनुमति दी जाए'.- मोहम्मद शमशे आलम, मुखिया
'जीविका दीदियों की ओर से बनाए जा रहे मास्क की क्वालिटी बढ़िया है. ये मास्क डबल लेयर के हैं और सुरक्षित हैं. लाखों की संख्या में मास्क का उत्पादन हो रहा है. इस वजह से कुछ मास्क की क्वालिटी खराब हो सकती है. लॉकडाउन के समय में कपड़ा और दूसरे मेटेरियल खरीदने में परेशानी हो रही है. इसलिए मास्क बनाने पर भी असर पड़ रहा है. खराब क्वालिटी को लेकर लोगों की शिकायतें मिली हैं और उन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है'.- आलोक कुमार, परियोजना प्रबंधक