दरभंगा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में (चमकी बुखार) एईएस/जेई से निपटने की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की गई. जिसमें संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं 18 जिले के जिलाधिकारी के साथ ऑनलाइन बैठक की गई. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुजफ्फरपुर के आसपास के 9 जिले (एईएस) चमकी बुखार से तथा मगध प्रमंडल के 4 जिले गाया, जहानाबाद, नवादा और औरंगाबाद के साथ नालंदा जिला जेईएस से प्रभावित रहता है. वर्ष 2019 में मुजफ्फरपुर में एईएस के सर्वाधिक मामले प्राप्त हुए थे. जिनमें कांटी प्रखंड में सर्वाधिक 96 मामले पाए गए थे.
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उन्होने कहा कि चालू वर्ष में एईएस के बहुत कम कुल 21 मामले 24 मई तक आए हैं. जिनमें मुजफ्फरपुर के 6, सीतामढ़ी के पांच, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और पटना में दो-दो मामले, शिवहर, मधेपुरा, नालंदा और वैशाली में 1-1 मामले प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि एईएस के लिए विभाग द्वारा सभी संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के लिए एसओपी बनाया गया है जिसका अनुश्रवण कराया जा रहा है. अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेवल पर भी एईएस का इलाज प्रोटोकॉल के अनुसार किया जा रहा है. इसके लिए सभी जगह एईएस के लिए दवा की किट्स उपलब्ध कराई गई है.
बैठक में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बताया कि एईएस से बचाव के लिए दरभंगा में जीविका द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया है. जिनमें 4 लाख 42 हजार महिलाओं ने भाग लिया. जीविका अपने 162 पीकू प्रोजेक्टर के माध्यम से भी व्यापक प्रचार-प्रसार कर रही है. साथ ही 50 हजार लीफलेटस का वितरण करवाया गया है एईएस के लिए डीएमसीएच में 10 बेड एवं जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक-एक बेड तैयार रखा गया है. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से 289 गाड़ियों को पंचायतवार टैग किया गया है. एसओ पीके अनुसार सभी तैयारियां की गई है. दरभंगा में कालाजार के 08 मामले प्रतिवेदित है.