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दरभंगा नगर निगम के पदमुक्त मेयर और डिप्टी मेयर की बढ़ी मुश्किलें, शौचालय आवंटन घोटाला मामले में हुआ केस

दरभंगा नगर निगम के पदमुक्त मेयर और डिप्टी मेयर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शौचालय आवंटन घोटाला मामले (Toilet Allotment Scam Case) में 27 लाख की राशि की वसूली का निर्देश प्राप्त हुआ था. दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने बताया कि समय सीमा बीत जाने के बाद पैसे नहीं मिलने की वजह से इन सभी के खिलाफ नीलामवाद दायर कर दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

Auctionism filed against dismissed mayor and deputy mayor of Darbhanga Municipal Corporation
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Published : Dec 29, 2021, 11:11 PM IST

दरभंगा: शौचालय आवंटन में गैरकानूनी ढंग से 27 लाख की छूट देने के मामले में पदमुक्त की गई दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की महापौर बैजयंती देवी खेड़िया और उपमहापौर बदरुज्जमा खां की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरभंगा जिला प्रशासन ने महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के सदस्य सात पार्षदों के खिलाफ नीलामवाद दायर (Case Filed In Toilet Allotment Scam) कर दिया है.

यह भी पढ़ें - दरभंगा नगर निगम: नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की तारीख घोषित, अधिसूचना जारी

इसके पहले 8 दिसंबर को इस मामले में दोषी पाते हुए बिहार सरकार के नगर विकास विभाग ने महापौर और उपमहापौर समेत सभी सात पार्षदों को पदमुक्त कर दिया था. साथ ही इन नौ लोगों से 27 लाख रुपये की 15 दिनों के भीतर वसूली किए जाने का डीएम के माध्यम से दरभंगा नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिया था. 15 दिन बीत जाने के बाद भी इन्होंने पैसे जमा नहीं किए इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग से निर्देश के तहत 12 जनवरी 2022 को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराया जाना है.

देखें वीडियो

दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने बताया कि नगर विकास विभाग की ओर से शौचालय आवंटन की अनियमितता मामले में कार्रवाई करते हुए महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के सात सदस्य पार्षदों के खिलाफ पदमुक्त करने की कार्रवाई की गई थी. साथ ही इनसे 27 लाख की राशि की वसूली का भी निर्देश प्राप्त हुआ था. पैसे न देने पर इनके खिलाफ नीलामवाद की कार्रवाई का निर्देश प्राप्त हुआ था.

आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने बताया कि समय सीमा बीत जाने के बाद पैसे नहीं मिलने की वजह से इन सभी के खिलाफ नीलामवाद दायर कर दिया गया है. अब मामले की सुनवाई होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग से मिले निर्देश के बाद नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.

गौरतलब है कि इस मामले की लिखित शिकायत दरभंगा नगर निगम की पार्षद मधुबाला सिन्हा और पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता ने 25 जुलाई 2018 को दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त को दी थी. दरअसल नगर निगम में शौचालय आवंटन के लिए 66 लाख रुपए की राशि तय की गई थी, जिसमें से 27 लाख रुपए नगर निगम की ओर से गैर कानूनी ढंग से छूट दे दिए गए थे. यह एक बड़ा घोटाला था जिसकी शिकायत के बाद जांच हुई.

प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में सभी को दोषी पाया गया. इसके बाद नगर विकास विभाग ने महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के 7 सदस्य पार्षदों को दोषी पाते हुए उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ पदमुक्त मेयर, डिप्टी मेयर और सभी सात पार्षद पटना हाईकोर्ट गए थे लेकिन कोर्ट से अब तक इन्हें राहत नहीं मिली है. दूसरी तरफ नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है.

यह भी पढ़ें - दरभंगा नगर निगम के महापौर और उपमहापौर समेत कई पार्षद पदमुक्त, सभी भ्रष्टाचार के दोषी

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दरभंगा: शौचालय आवंटन में गैरकानूनी ढंग से 27 लाख की छूट देने के मामले में पदमुक्त की गई दरभंगा नगर निगम (Darbhanga Municipal Corporation) की महापौर बैजयंती देवी खेड़िया और उपमहापौर बदरुज्जमा खां की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरभंगा जिला प्रशासन ने महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के सदस्य सात पार्षदों के खिलाफ नीलामवाद दायर (Case Filed In Toilet Allotment Scam) कर दिया है.

यह भी पढ़ें - दरभंगा नगर निगम: नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की तारीख घोषित, अधिसूचना जारी

इसके पहले 8 दिसंबर को इस मामले में दोषी पाते हुए बिहार सरकार के नगर विकास विभाग ने महापौर और उपमहापौर समेत सभी सात पार्षदों को पदमुक्त कर दिया था. साथ ही इन नौ लोगों से 27 लाख रुपये की 15 दिनों के भीतर वसूली किए जाने का डीएम के माध्यम से दरभंगा नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिया था. 15 दिन बीत जाने के बाद भी इन्होंने पैसे जमा नहीं किए इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग से निर्देश के तहत 12 जनवरी 2022 को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराया जाना है.

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दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने बताया कि नगर विकास विभाग की ओर से शौचालय आवंटन की अनियमितता मामले में कार्रवाई करते हुए महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के सात सदस्य पार्षदों के खिलाफ पदमुक्त करने की कार्रवाई की गई थी. साथ ही इनसे 27 लाख की राशि की वसूली का भी निर्देश प्राप्त हुआ था. पैसे न देने पर इनके खिलाफ नीलामवाद की कार्रवाई का निर्देश प्राप्त हुआ था.

आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने बताया कि समय सीमा बीत जाने के बाद पैसे नहीं मिलने की वजह से इन सभी के खिलाफ नीलामवाद दायर कर दिया गया है. अब मामले की सुनवाई होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग से मिले निर्देश के बाद नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.

गौरतलब है कि इस मामले की लिखित शिकायत दरभंगा नगर निगम की पार्षद मधुबाला सिन्हा और पूर्व पार्षद प्रदीप गुप्ता ने 25 जुलाई 2018 को दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त को दी थी. दरअसल नगर निगम में शौचालय आवंटन के लिए 66 लाख रुपए की राशि तय की गई थी, जिसमें से 27 लाख रुपए नगर निगम की ओर से गैर कानूनी ढंग से छूट दे दिए गए थे. यह एक बड़ा घोटाला था जिसकी शिकायत के बाद जांच हुई.

प्रमंडलीय आयुक्त की रिपोर्ट में सभी को दोषी पाया गया. इसके बाद नगर विकास विभाग ने महापौर, उपमहापौर और सशक्त स्थायी समिति के 7 सदस्य पार्षदों को दोषी पाते हुए उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ पदमुक्त मेयर, डिप्टी मेयर और सभी सात पार्षद पटना हाईकोर्ट गए थे लेकिन कोर्ट से अब तक इन्हें राहत नहीं मिली है. दूसरी तरफ नए मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है.

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