दरभंगा: संसद में भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद अब हिट एंड रन के मामलों में चालक को 10 वर्ष की सजा एवं 7 लाख का भारी आर्थिक जुर्माना का प्रावधान लाया गया है. इस नए ट्रैफिक एक्ट का विरोध पूरे देशभर में हो रहा है. चालक वर्ग का कहना है कि ट्रैफिक एक्ट उनके लिए काला कानून के समान है. किसी भी सड़क हादसे में चालक के साथ दुर्घटना के पीड़ित की भी गलती शामिल होती है.
दरभंगा में सड़क जाम: वहीं नए ट्रैफिक कानून के खिलाफ दरभंगा के बस चालकों ने नए वर्ष के पहले ही दिन बिरौल अनुमंडल के दरभंगा-सहरसा मुख्य पथ को कोठी चौक के पास सड़क पर अगजनी कर सड़क जाम कर दिया. इस दौरान नए यातायात कानून को वापस लेने की मांग कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कि गई. कहा गया कि सिर्फ चालक के विरुद्ध कानूनी तौर पर आर्थिक व जेल की सजा का प्रावधान लाना गैर संवैधानिक है.
प्रदर्शनकारी बस चालकों का हंगामा: मौके पर मौजूद बस चालक मों बदरुल जमा ने कहा कि नए कानून के तहत जो ट्रैफिक एक्ट आया है, उसी के खिलाफ वे लोग सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं. एक्ट के तहत 7 लाख रुपया का आर्थिक दंड और 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. कहा कि अगर उनलोगों के पास 7 लाख रुपया होता तो वे लोग गाड़ी क्यों चलाते.
"हमलोग तो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं. अगर गाड़ी से एक्सीडेंट होता है तो 7 लाख कहां से लाएंगे. इसी के कारण हम लोग 1 जनवरी से 3 जनवरी तक बंदी का ऐलान किए हैं. हम लोगों की सरकार से यही मांग है कि नए कानून को वापस ले. पहले के नियम लागू करे. अगर सरकार हम लोगों की मांगों पर विचार नहीं करती है, तो यह बंदी बढ़ेगी."- मो. बदरुल जमा, बस चालक
पहला नियम लागू करने की मांग: वहीं उन्होंने कहा कि पहले के कानून में एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर भी जेल जाता था और गाड़ी भी थाने पर जाती थी। उस कानून में पहले ड्राइवर का बेल होता था। फिर गाड़ी का बेल होता था. नए कानून के अनुसार अब एक्सीडेंट होने पर गाड़ी मालिक पर कुछ नहीं होगा और सारी जिम्मेदारी गाड़ी चालक पर आएगी. जिसके एवज में चालक को भाड़ी जुर्माना और सजा होगी. चालकों की सैलरी 10 से 25 हजार रुपये महीना होती है. ऐसे में चालक 7 लाख रुपये कहां से लाएंगे.
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