दरभंगा: जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. बागमती नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड के हायाघाट स्थित पुल संख्या-16 पर बाढ़ का दबाव बरकरार है. इसके कारण परिचालन लगातार बाधित है. सड़क संपर्क टूटने के कारण रेलवे ट्रैक लोगों के लिए आवागमन का साधन बन चुका है. वहीं पैदल, साइकिल और बाइक सवार बाढ़ पीड़ित लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं.
जिले में बाढ़ के कारण हायाघाट-दरभंगा मुख्य सड़क का संपर्क टूट चुका है. इस वजह से हायाघाट प्रखंड के लोग जान जोखिम में डालकर मुंडा पुल को पार कर रहे हैं. दरअसल रेलवे ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां से गुजरने वाले से सभी ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है. रेल परिचालन बंद होन के कारण लोगों के पास जाने के लिए कोई साधन नहीं है. इस वजह से जान जोखिम में डालकर ट्रैक से आवागमन कर रहे हैं. सबसे ज्यादा खतरा इस पुल से गुजरने वाले बाइक सवार का है.
मजबूरी में खतरा उठा रहे हैं लोग
स्थानीय युवक आशीष कुमार झा ने बताया कि मुख्यालय जाने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इस कारण जान को जोखिम में डालना पड़ रहा है. डर लगता है पर क्या करें. मजबूरी में खतरा उठाना ही पड़ता है. रोजाना लोग इस खतरे से दो-चार हो रहे हैं. इसी पुल से स्कूली बच्चें भी गुजरते हैं. हमेशा डर लगा रहता है. मजबूरी में इस पुल से गुजरना पड़ता है.
कभी भी हो सकता है हादसा
वहीं, रेलवे कर्मचारी मुख्तार आलम कहते हैं कि लाख मनाही के बावजूद लोग यहां से गुजर रहे हैं. नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पुल पर पानी का काफी दबाव है. यहां से गुजरना जोखिम भरा है. मना करने पर लोग हाथापाई करते हैं. आरपीएफ यहां समय-समय पर अनाउंस कर लोगों को सतर्क भी करती है. ट्रैक को लोगों ने लाइफ लाइन बना लिया है. लेकिन यहां से गुजरना जोखिम भरा है. जलस्तर में वृद्धि होने पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
पानी घटने पर होगा रेल परिचालन
वहीं, जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि इस संदर्भ में डीआरएम से बात हुई है. पुल से डेढ़ फीट पानी कम होने पर ही ट्रेन का परिचालन पर विचार होगा. उम्मीद है कि एक से दो दिन में परिचालन शुरू हो जायेगा. इस पर अंतिम निर्णय रेलवे अधिकारियों को लेना है. सुरक्षा का भी ख्याल रखा जा रहा है. रेलवे अभियंता इस पर नजर रख रहे हैं.