पटना: बिहार में बाढ़ से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. इसकी वजह से 85 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. हालांकि, लगातार दूसरे दिन भी यहां मृतकों की संख्या 127 बनी रही. राज्य के सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में दरभंगा शामिल है, जहां अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
जुलाई महीने की शुरुआत में नेपाल के तराई क्षेत्र में मूसलाधार बारिश को बिहार में बाढ़ की वजह बताया जा रहा है. दरभंगा जिले में हायाघाट के पास एक रेलवे पुल के नीचे जल स्तर बढ़ कर खतरे के निशान के ऊपर चला गया. इसके बाद पूर्वी मध्य रेलवे को दरभंगा-समस्तीपुर खंड पर ट्रेनों का परिचालन रोकना पड़ा.
13 जिलों में बाढ़ की त्रासदी
बिहार के 13 जिलों के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं, एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि राज्य के 13 जिले- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. वहीं कमोबेश शेष जिलों के किसान सामान्य से कम बारिश होने के कारण परेशान हैं.
बाढ़ का पानी समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर चढ़ा
समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है. दिल्ली, मुंबई या कोलकाता से लोगों का रेल के जरिये दरभंगा, मधुबनी, जयनगर, झंझारपुर या निर्मली पहुंचना मुश्किल हो गया है.
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने रविवार को बताया, 'समस्तीपुर रेलमंडल के हायाघाट स्टेशन के पास पुल नंबर 16 पर बाढ़ का पानी आ गया. इस वजह से 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, जबकि 12 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है.'
बिहार की कई नदियों में बाढ़
नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं. बिहार का शोक कही जाने वाली नदी कोसी के अलावा बागमती, बूढ़ी गंडक, ललबकिया, कमला बलान में लगभग हर साल बाढ़ आती है और भारी जानमाल का नुकसान होता है. वैसे आंकड़ों की बात करें, तो बिहार के 38 जिलों में से सीमांचल क्षेत्र में आने वाले 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.