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DMCH में बैपकॉन-2020 कॉन्फ्रेंस का आयोजन, 400 डेलीगेट्स होंगे शामिल - डीएमसीएच

डीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी के छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करना है.

BAPCON 2020 conference in dmch
डीएमसीएच में बैपकॉन 2020 कॉन्फ्रेंस
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Published : Jan 15, 2020, 12:41 PM IST

दरभंगा: डीएमसीएच में 18 और 19 जनवरी को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रो बायोलॉजिस्ट के राज्य चैप्टर का वार्षिक कॉन्फ्रेंस बैपकॉन-2020 का आयोजन किया जा रहा है. जो कि दो दिन तक चलेगा. कांफ्रेंस में देश के करीब 400 पैथोलॉजिस्ट्स के साथ कई जाने-माने चिकित्सक भी शामिल होंगे.

अनुभवी डॉक्टर होंगे रूबरू
कॉन्फ्रेंस में देश के सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के 400 डेलिगेट्स भाग लेंगे. जिसमें उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी के छात्रों को अनुभवी चिकित्सकों से रूबरू होने का मौका मिलेगा. बता दें कि यह कॉन्फ्रेंस डीएमसीएच के पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और क्लिनिकल पैथोलॉजी विभाग की देखरेख में किया जा रहा है.

डीएमसीएच में बैपकॉन-2020 कॉन्फ्रेंस का होगा आयोजन

कॉन्फ्रेंस से मिलेगी बेहतरी की प्रेरणा
डीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी के छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करना है. साथ ही, छात्रों के शोध कार्यों के प्रदर्शन और प्रकाशन को बेहतर बनाना है. उन्होंने बताया कि चिकित्सा जगत में प्रत्येक दिन नए-नए शोध हो रहे हैं. ऐसे में इसकी जानकारी से पीजी के छात्रों को होना बहुत जरूरी है. ताकि मरीजों के रोग के निदान में लाभ हो सके.

दरभंगा: डीएमसीएच में 18 और 19 जनवरी को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रो बायोलॉजिस्ट के राज्य चैप्टर का वार्षिक कॉन्फ्रेंस बैपकॉन-2020 का आयोजन किया जा रहा है. जो कि दो दिन तक चलेगा. कांफ्रेंस में देश के करीब 400 पैथोलॉजिस्ट्स के साथ कई जाने-माने चिकित्सक भी शामिल होंगे.

अनुभवी डॉक्टर होंगे रूबरू
कॉन्फ्रेंस में देश के सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के 400 डेलिगेट्स भाग लेंगे. जिसमें उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी के छात्रों को अनुभवी चिकित्सकों से रूबरू होने का मौका मिलेगा. बता दें कि यह कॉन्फ्रेंस डीएमसीएच के पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और क्लिनिकल पैथोलॉजी विभाग की देखरेख में किया जा रहा है.

डीएमसीएच में बैपकॉन-2020 कॉन्फ्रेंस का होगा आयोजन

कॉन्फ्रेंस से मिलेगी बेहतरी की प्रेरणा
डीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी के छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करना है. साथ ही, छात्रों के शोध कार्यों के प्रदर्शन और प्रकाशन को बेहतर बनाना है. उन्होंने बताया कि चिकित्सा जगत में प्रत्येक दिन नए-नए शोध हो रहे हैं. ऐसे में इसकी जानकारी से पीजी के छात्रों को होना बहुत जरूरी है. ताकि मरीजों के रोग के निदान में लाभ हो सके.

Intro:तीन दशक के बाद डीएमसीएच के ऑडिटोरियम में 18 एवं 19 जनवरी को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रो बायोलॉजिस्ट के राज्य चैप्टर का वार्षिक कॉन्फ्रेंस बैपकॉन - 2020 का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में देश के करीब 400 पैथोलॉजी के साथ ही कई जाने-माने चिकित्सक शामिल होंगे। इस कांफ्रेंस में उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी छात्रों को कांफ्रेंस में जाने-माने चिकित्सकों का अनुभव साझा करने को मिलेगा। जिसको जिस से उभरते हुए चिकित्सकों के अलावा आम लोगों को भी काफी लाभ पहुंचेगा।


Body:कॉन्फ्रेंस में देश के सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के 400 डेलिगेट्स लेंगे भाग

वही मीडिया से बात करते हुए डीएमसी के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस में देश के कोने-कोने से सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य संस्थाओं से लगभग 400 डेलिकेट शामिल हो रहे हैं। जिसमे पीजीआईएमएस कोलकाता के डॉ असित्व मंडल, पीएसआई चंडीगढ़ के डॉ कौशिक के प्रसाद, डॉ उमा नाहर व डॉ अनीता तहलान, सिलिगुड़ी के डॉ विद्युत के गोस्वामी, आईजीएमएस पटना के डॉ विपिन कुमार, एम्स पटना की डॉ पूनम भदानी व पारस पटना के डॉ अविनाश बतौर स्पीकर शामिल होंगे। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सक थॉयराइड, प्लेटलेट्स आदि विषय पर स्पीकर के रूप में चर्चा करेंगे।


Conclusion:कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य भरते हुए चिकित्सकों के अलावा पीजी छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करना

वही डॉ अजीत चौधरी ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य पीजी छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करना है। इतना ही नहीं इस आयोजन का लाभ उठाकर छात्र अपने-अपने शोध कार्यों का प्रदर्शन और प्रकाशन कर सकेंगे। वही उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत में प्रत्येक दिन नए नए शोध हो रहे हैं। चिकित्सा जगत में इस विकास की जानकारी से पीजी चिकित्सक ही नहीं, बल्कि मरीजों के रोग के निदान में भी लाभ मिलेगा। यह कॉन्फ्रेंस डीएमसीएच के पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और क्लिनिकल पैथोलॉजी विभाग के तत्वाधान में किया जा रहा है।

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डॉ अजित कुमार चौधरी, विभगाध्यक्ष पैथोलॉजी डीएमसी
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