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अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर बैंककर्मी, कहा- स्टाफ की कमी से बढ़ रहा दबाव

इसमें यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने पांच दिवसीय बैंकिंग, बेसिक पे, विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना, पेंशन का अद्यतन पारिवारिक पेंशन में सुधार की मांग सरकार से की है. दरभंगा में हड़ताल के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Jan 31, 2020, 1:36 PM IST

दरभंगाः जिला मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के सामने बैंककर्मियों ने दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन किया. अपनी मांगों के समर्थन में बैंककर्मियों ने जहां अपनी आवाज बुलंद की. वहीं, बैंक हड़ताल से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदर्शन कर रहे बैंक कर्मियों ने बताया कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी रवैया अपना रही है. इसके कारण ही वेतन समझौता में विलंब हो रहा है. भारत सरकार ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए के अलावा सभी एसोसिएट बैंक मैनेजमेंट को निर्देश दिया कि 11वां वेतन समझौता शीघ्र संपादित किया जाए. जिससे एक नवंबर 2017 से बैंक कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतन का भुगतान किया जा सके. उन्होंने कहा कि विडंबना है कि इसके लिए कोई पत्र भारत सरकार ने जारी नहीं किया.

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बैंक कर्मचारी

बीमार पड़ रहे कर्मचारी
बैंककर्मियों ने बताया कि बैंक में स्टाफ की घोर कमी है. वैकेंसी रहने के बावजूद बहाली नहीं की जा रही है. जिसके कारण कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी पर काम का बोझ है. बैंक अधिकारियों का आने का समय निर्धारित है लेकिन जाने का नहीं. कर्मियों का कहना है कि छुट्टी के दिनों में भी काम लिया जाता है. जिसके कारण बीमार स्टाफ की संख्या में वृद्धि हो रही है. दूसरी तरफ स्टाफ की कमी के कारण ग्राहकों को सुविधा नहीं मिल पा रही है.

सरकार के सामने रखी है कई मांग
बता दें कि विभिन्न मांगों के समर्थन में 31 जनवरी और 1 फरवरी को बैंकों की हड़ताल है. इसमें यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने पांच दिवसीय बैंकिंग, बेसिक पे, विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना, पेंशन का अद्यतन पारिवारिक पेंशन में सुधार सहित कई मांग सरकार के सामने रखी है.

दरभंगाः जिला मुख्यालय स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के सामने बैंककर्मियों ने दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन किया. अपनी मांगों के समर्थन में बैंककर्मियों ने जहां अपनी आवाज बुलंद की. वहीं, बैंक हड़ताल से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदर्शन कर रहे बैंक कर्मियों ने बताया कि केंद्र सरकार मजदूर विरोधी रवैया अपना रही है. इसके कारण ही वेतन समझौता में विलंब हो रहा है. भारत सरकार ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए के अलावा सभी एसोसिएट बैंक मैनेजमेंट को निर्देश दिया कि 11वां वेतन समझौता शीघ्र संपादित किया जाए. जिससे एक नवंबर 2017 से बैंक कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतन का भुगतान किया जा सके. उन्होंने कहा कि विडंबना है कि इसके लिए कोई पत्र भारत सरकार ने जारी नहीं किया.

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बैंक कर्मचारी

बीमार पड़ रहे कर्मचारी
बैंककर्मियों ने बताया कि बैंक में स्टाफ की घोर कमी है. वैकेंसी रहने के बावजूद बहाली नहीं की जा रही है. जिसके कारण कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी पर काम का बोझ है. बैंक अधिकारियों का आने का समय निर्धारित है लेकिन जाने का नहीं. कर्मियों का कहना है कि छुट्टी के दिनों में भी काम लिया जाता है. जिसके कारण बीमार स्टाफ की संख्या में वृद्धि हो रही है. दूसरी तरफ स्टाफ की कमी के कारण ग्राहकों को सुविधा नहीं मिल पा रही है.

सरकार के सामने रखी है कई मांग
बता दें कि विभिन्न मांगों के समर्थन में 31 जनवरी और 1 फरवरी को बैंकों की हड़ताल है. इसमें यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने पांच दिवसीय बैंकिंग, बेसिक पे, विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना, पेंशन का अद्यतन पारिवारिक पेंशन में सुधार सहित कई मांग सरकार के सामने रखी है.

Intro:यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर पांच दिवसीय बैंकिंग, बेसिक पे के साथ विशेष भते का विलय, नई पेंशन योजना, पेंशन का अद्यतन पारिवारिक पेंशन में सुधार सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में 31 जनवरी व 1 फरवरी तक होने वाली हड़ताल को सफल बनाने के लिए बैंक कर्मियों ने शुक्रवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के सामने मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए, अपनी मांगों के समर्थन में आवाज को बुलंद किया। वही बैंक की दो दिवसीय हड़ताल के दौरान लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:मजदूर विरोधी नीति के कारण वेतन समझौता में हो रहा है विलंब

वही गौड़ी शंकर चौधरी ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी रवैया के कारण ही वेतन समझौता में विलंब हो रहा है। भारत सरकार ने 12 जनवरी 2016 को आईबीए के अलावा सभी एसोसिएट बैंक मैनेजमेंट को निर्देश दिया कि 11 वां वेतन समझौता शीघ्र संपादित किया जाए। ताकि एक नवंबर 2017 से बैंक कर्मचारियों को पुनरीक्षित वेतन का भुगतान किया जा सके। लेकिन विडंबना है कि इसके लिए कोई पत्र भारत सरकार ने जारी नहीं किया।


Conclusion:बैंक में काम का बोझ तथा स्टाफ की कमी के चलते कर्मी हो रहे है बीमार

वहीं उन्होंने कहा कि बैंक में स्टाफ की घोर कमी है। सभी पदों पर वैकेंसी रहने के बावजूद अपेक्षित नहीं बहाली नहीं की जा रही है। फलतः कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी पर काम का अत्यधिक बोझ है। वही उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारियों का आने का तो समय निर्धारित है, लेकिन उनके जाने का कोई समय नहीं है। यहां तक की छुट्टी के दिनों में भी काम लिया जाता है। जिसके चलते बीमार स्टाफ की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। दूसरी तरफ स्टाफ की कमी के कारण ग्राहकों को सुविधा नहीं मिल रहा है। इस वजह से बैंक कर्मियों को ग्राहकों का कोपभाजन बनना पड़ रहा है।

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गौड़ी शंकर चौधरी, SBI कर्मचारी
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